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डिजिटल भुगतान में भारत को वैश्विक अग्रणी बनाने में आरबीआई की भूमिका अहम : राष्ट्रपति

आरबीआई के 90वें स्थापना दिवस समापन समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति
आरबीआई के 90वें स्थापना दिवस समापन समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति
आरबीआई के 90वें स्थापना दिवस समापन समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति

नई दिल्ली/मुंबई, 01 अप्रैल (Udaipur Kiran) । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मंगलवार को कहा कि ‘विकसित भारत 2047’ का मिशन एक ऐसे वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र की मांग करता है, जो नवोन्मेषी, अनुकूलनीय और सभी के लिए सुलभ हो। उन्‍होंने कहा कि आरबीआई ने भारत को डिजिटल भुगतान में वैश्विक अग्रणी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

मुंबई में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की 90वीं वर्षगांठ के समापन समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि केंद्रीय बैंक के रूप में आरबीआई भारत की अविश्वसनीय विकास गाथा के केंद्र में है। आरबीआई की पिछले 90 वर्ष की उल्लेखनीय यात्रा की सराहना करते हुए उन्‍होंने इस बात जोर दिया कि सभी के वास्ते सुलभ वित्तीय परिवेश तंत्र ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य के लिए महत्वपूर्ण है। उन्‍होंने कहा कि रिजर्व बैंक ने भारत को डिजिटल भुगतान में वैश्विक अग्रणी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

उन्‍होंने कहा कि मौद्रिक और वित्तीय स्थिरता के संरक्षक के रूप में आरबीआई इस यात्रा में एक निर्णायक भूमिका निभाएगा जिसमें एक सुदृढ़ बैंकिंग प्रणाली सुनिश्चित करना, वित्तीय नवाचार को बढ़ावा देना और हमारे वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र में विश्वास की रक्षा करना शामिल है। राष्ट्रपति ने कहा कि आरबीआई न केवल बदलते समय के साथ विकसित हुआ है, बल्कि भारत के वित्तीय परिवर्तन का एक प्रमुख वास्तुकार भी रहा है। मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने और वित्तीय समावेशन को मजबूत करने से लेकर मौद्रिक स्थिरता बनाए रखने और मजबूत आर्थिक विकास को सक्षम करने तक, देश की आर्थिक नियति को आकार देने में इसकी भूमिका मौलिक रही है।

उन्‍होंने आगे कहा कि प्रौद्योगिकी के तेजी से विकास के साथ वित्तीय धोखाधड़ी और साइबर खतरों का जोखिम भी बढ़ रहा है। इस बढ़ती चिंता के लिए निरंतर सतर्कता की जरूरत है। इसके लिए आरबीआई सक्रिय कदम उठा रहा है, सुरक्षा उपायों को मजबूत कर रहा है और सुरक्षित बैंकिंग वातावरण सुनिश्चित कर रहा है।

राष्‍ट्रपति ने कहा कि आरबीआई ने पिछले कुछ वर्षों में नाबार्ड, आईडीबीआई, सिडबी और राष्ट्रीय आवास बैंक जैसी प्रमुख संस्थाओं की स्थापना करके देश की वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत किया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि रिजर्व बैंक देश में सबसे महत्वपूर्ण संस्थानों में से एक के रूप में उभरा है। उन्होंने बताया कि एक आम आदमी या महिला का आरबीआई से कोई सीधा संपर्क नहीं होता है, सिवाय उनके जेब में रखे नोटों पर छपे आरबीआई के नाम के, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से उनके सभी वित्तीय लेन-देन रिजर्व बैंक के जरिए ही नियंत्रित होते हैं। उन्होंने कहा कि नौ दशकों में रिजर्व बैंक की सबसे बड़ी उपलब्धि यह भरोसा है। उन्‍होंने कहा कि 1990 के दशक में आर्थिक उदारीकरण से लेकर कोरोना महामारी तक प्रमुख चुनौतियों के प्रति आरबीआई की त्वरित प्रतिक्रियाओं ने सुनिश्चित किया है कि भारत की वित्तीय प्रणाली किसी भी प्रतिकूल अंतरराष्ट्रीय प्रवृत्तियों का सामना करने में लचीली बनी रहे।

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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर

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