
नई दिल्ली, 30 मई (Udaipur Kiran) । रतलाम-नागदा रेलखंड को नई रफ्तार देने के लिए तीसरी और चौथी रेल लाइन की मंजूरी दी गई है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना की घोषणा रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को रेल भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ़्रेंस में की।
परियोजना की विशेषताएं
41 किलोमीटर लंबा रतलाम-नागदा रेल सेक्शन अब तीसरी और चौथी लाइन के साथ चार ट्रैकों वाला बन जाएगा। परियोजना की कुल लागत 1,018 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है। इससे मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और दिल्ली को पश्चिमी तट के बंदरगाहों से तेज और सुगम कनेक्टिविटी मिलेगी। परियोजना से लॉजिस्टिक्स लागत में कमी और आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी।
पर्यावरणीय लाभ
परियोजना से हर वर्ष लगभग 38 करोड़ किलोग्राम कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आएगी। इससे 7.5 करोड़ लीटर डीज़ल की बचत भी संभव होगी। परियोजना से लगभग 27 लाख मानव-दिवस का रोज़गार भी सृजित होगा।
आर्थिक और पर्यटन विकास
परियोजना से रतलाम क्षेत्र से नागदा थर्मल पावर प्लांट, विस्कोस फाइबर एवं केमिकल प्लांट जैसे औद्योगिक इकाइयों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। इससे कृषि उत्पादों, कोयला, कंटेनर और पेट्रोलियम उत्पादों के परिवहन में भी गति और कुशलता आएगी। परियोजना से खजुराहो, ग्वालियर, कान्हा राष्ट्रीय उद्यान, ओंकारेश्वर, सांची, उज्जैन, भोपाल, इंदौर, जबलपुर, अमरकंटक और भीम जन्मभूमि जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों को जोड़ने में मदद मिलेगी।
नई ट्रेन सेवाएं
रेल मंत्री ने बताया कि हाल ही में दिल्ली से डॉ. अंबेडकर नगर के लिए एक नई ट्रेन सेवा शुरू की गई है। इसके साथ ही रीवा-सतना-जबलपुर-पुणे, जबलपुर-रायपुर और ग्वालियर-पुणे-भोपाल-बेंगलुरु के लिए तीन और नई ट्रेन सेवाओं को भी मंजूरी दी जा चुकी है।
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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार
