

रतलाम, 9 अप्रैल (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश में रतलाम जिले के जावरा नगर में आईटीसी कंपाउंड के पास आंटिया चौराहे पर स्थित पोरवाल बर्फ फैक्ट्री में मंगलवार की रात एक टैंक से अमोनिया गैस का रिसाव होने से हड़कंप मच गया। पास में ही पुलिस लाइन स्थित होने से गैस से सबसे ज्यादा इसी क्षेत्र के लोग प्रभावित हुए। मौके पर पुलिस प्रशासन के अमले ने पानी का छिड़काव करवाकर स्थिति नियंत्रित की और फैक्ट्री संचालक को बुलवाकर रिसाव बंद करवाया। फैक्ट्री में काम कर रहे श्रमिकों को जब इस बात की जानकारी लगी तो वह डरकर भाग गए।
जानकारी के अनुसार, मंगलवार की रात करीब 12 बजे बर्फ फैक्ट्री में रखे 50 किलो के अमोनिया गैस के टैंक का एक बोल्ट ढीला होने से गैस रिसने लगी। इसके बाद आंखों में जलन व सांस लेने में तकलीफ होने की शिकायत पर लोगों को गैस रिसाव का पता चला। फैक्टरी के पीछे पुलिस लाइन में सीएसपी दुर्गेश आर्मो का बंगला है। गैस रिसाव से उनके पिता हुकुम सिंह आर्मो और मां लता की भी तबीयत खराब हो गई। छोटे भाई प्रशांत आर्मों से सूचना मिलने पर वह बंगले पहुंचे और माता-पिता को सर्किट हाउस में शिफ्ट किया। पुलिस व प्रशासन के आला अधिकारियों को सूचना दी गई। जिसके बाद आसपास के इलाकों को खाली कराया गया। इधर, बुधवार को उज्जैन से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम जावरा पहुंची। जांच में फैक्ट्री मालिक के पास न तो फैक्ट्री संचालन से जुड़े कोई वैध दस्तावेज मिले और न ही प्रदूषण बोर्ड का लाइसेंस पाया गया।
गैस लीकेज के समय एसपी अमित कुमार जावरा में दौरे पर थे। जानकारी मिलते ही वह भी मौके पर पहुंचे। सूचना मिलते ही जावरा एसडीएम त्रिलोचन गौड़, एसडीओपी संदीप मालवीय, थाना प्रभारी जितेंद्र जादौन मौके पर पहुंचे। फायर ब्रिगेड बुलाई गई। फैक्ट्री में स्थित टैंक पर पानी का छिड़काव किया गया। बताया जा रहा है कि टैंक के वॉल में लीकेज होने से अमोनिया गैस का रिसाव हुआ। समय रहते मालूम पड़ने पर बड़ी घटना होने से बच गई। रात 12.30 बजे तक पुलिस ने फैक्ट्री संचालक और मजदूरों से पूछताछ की। इस दौरान अधिकारी मौके पर मास्क लगाकर मौजूद रहे।
एसपी अमित कुमार ने बताया की वॉल लीकेज के कारण अमोनिया गैस लीक हुई है। जावरा सीएसपी, एसडीओपी व प्रशासन की टीम ने तत्काल मौके पर पहुंच कर स्थिति को कंट्रोल किया। उन्होंने बताया कि गैस लीक वॉल को बंद कर दिया है। पानी का छिड़काव किया गया है। कुछ व्यक्ति इफेक्टेड थे, उन्हें मेडिकल ट्रीटमेंट दिया गया है।
जावरा सीएसपी दुर्गेश आर्मों ने बताया कि उनका घर फैक्ट्री के बगल में एक बाउंड्री वॉल छोड़कर पुलिस लाइन में है। वह घर के बाहर टहल रहे थे। उन्हें लगा कि कुछ जल रहा है। फिर लगा किसी ने आग लगाई होगी। छोटे भाई से पूछा तो उसने बदबू आने की बात कही। भाई ने भी कहा कि कुछ जल रहा होगा। इसके बाद वह टहलते टहलते बाहर रोड की तरफ आ गए। इस दौरान उन्हें भी आंखों में आंसू और जलन जैसा महसूस होने लगा। कुछ ही देर में छोटे भाई का फोन आया। उसने कहा- मम्मी-पापा को आंखों में जलन हो रही है। तब समझ आया कि यह कोई गैस है, जो लीक हुई है। गैस का असर आसपास के क्षेत्र में होने लगा। घर पहुंच कर मम्मी-पापा को अस्पताल भिजवाया।
रात में ही मौके पर रतलाम से उद्योग विभाग के अधिकारियों को बुलाया गया। सीएसपी दुर्गेश आर्मो ने बताया लोगों को सतर्क रहने और कोई भी समस्या होने पर तत्काल पुलिस या प्रशासन को सूचित करने को कहा गया है। सुरक्षा के लिहाज से क्षेत्र में एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड की व्यवस्था की है। संबंधित विभाग के कर्मचारी और पुलिस बल तैनात है। प्लांट को बंद कर दिया गया है। क्षेत्र में पूरी तरह से शांति है।
जावरा एसडीएम त्रिलोचन गौड़ ने बताया कि अचानक गैस का रिसाव होने से कुछ श्रमिकों की आंखों में जलन हुई। डर के मारे वह भाग गए। हमें जैसे ही इस बात का पता चला तो मौके पर फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस तैनात की। जहां से गैस का रिसाव हो रहा था वहां पानी का छिड़काव किया गया है। चार-पांच फायर ब्रिगेड से आसपास के क्षेत्र में पानी की छिड़काव किया। स्थिति सामान्य है। कोई जनहानि नहीं हुई है।
मध्य प्रदेश प्रदूषण बोर्ड उज्जैन की टीम बुधवार सुबह जावरा आइस फैक्ट्री पर पहुंची है। टीम के अधिकारियों ने संचालक से फैक्ट्री से जुड़े दस्तावेज मांगे, लेकिन संचालक कोई वैध दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा पाया। फैक्ट्री को बिना परमिशन के संचालित होना पाया गया है। पॉल्यूशन बोर्ड का भी लाइसेंस नहीं है। टीम में साइंटिस्ट हरिशंकर शर्मा, देवेंद्र सोलंकी और अन्य सदस्यों ने मौके पर पंचनामा बनाया। इसके बाद गैस लीकेज के कारणों की जांच की जाएगी।
(Udaipur Kiran) तोमर
