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रस्तोगी मेमोरियल राष्ट्रीय नेगोशिएशन प्रतियोगिता: आपसी बातचीत से विवादों को सुलझाने पर दिया जोर

रस्तोगी मेमोरियल राष्ट्रीय नेगोशिएशन प्रतियोगिता: सुप्रीम कोर्ट जज ए.जी.मसीह ने आपसी बातचीत से विवादों को सुलझाने पर दिया जोर
रस्तोगी मेमोरियल राष्ट्रीय नेगोशिएशन प्रतियोगिता: सुप्रीम कोर्ट जज ए.जी.मसीह ने आपसी बातचीत से विवादों को सुलझाने पर दिया जोर

जयपुर, 28 सितंबर (Udaipur Kiran) । विवेकानंद ग्लोबल यूनिवर्सिटी की ओर से द्वितीय आर.के.रस्तोगी मेमोरियल नेशनल नेगोशिएशन प्रतियोगिता 2024 का उद्घाटन सत्र सम्पन्न हुआ। एडिशनल सोलिसिटर जनरल राजस्थान हाईकोर्ट राज दीपक रस्तोगी ने राधा कृष्ण रस्तोगी के जीवन के कई आयामों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ऐसी विभूतियां बहुत लम्बे समय तक दोबारा नहीं आती हैं।

उन्होंने कहा कि रस्तोगी न केवल उच्च कोटी के अधिवक्ता थे वरन मानवीय गुणों से भी ओतप्रोत थे और एक अच्छे अधिवक्ता होने के नाते उन्होंने उनके सामने आये विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाने का प्रयास किया, जिससे विधि क्षेत्र के लोगों को शिक्षा लेनी चाहिए।

मुख्य अतिथि के रूप में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधिपति ए.जी.मसीह ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में जहां न्यायालयों में विभिन्न केसेज का अम्बार लगा हुआ है वहां इस समस्या ने निजात पाने का एक कारगर उपाय आपसी बातचीत है। न्यायाधीश मसीह ने यह भी कहा कि आपसी बातचीत से विवादों को निस्तारित करना इस राष्ट्र की पुरातन परम्परा रही है। साथ ही यह भी कहा कि इस प्रक्रिया में अधिवक्ताओं का बहुत बड़ा योगदान हो सकता है कि वे अपने पक्षकारों को किसी भी विवाद को आपसी समझोते से सुलझाने के लिए प्रेरित करें।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति मनिंदर मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि जो विद्यार्थी इस प्रतियोगिता में भाग ले रहे हैं और जो भविष्य में अधिवक्ता, जज या नेगोसिएटर बनेंगे उनका मानसिक सोच इस प्रकार का होना चाहिए कि जब भी कोई विवाद उनके सामने आये, उन विवादों को न्यायालयों में लाने से पहले ही सम्बन्धित पक्षकारों को आपसी समझोते से न्यायालय के बाहर ही निस्तारित करने के लिए अपना पूर्ण योगदान दें, जिससे ना केवल न्यायालय में बढते हुए केसेज की संख्या कम होगी अपितु पक्षकारों में आपसी सुहाद्र भी बना रहेगा और विवाद भी निस्तारित हो जाएगे।।

सम्मानित अतिथि के रूप में न्यायाधिपति अवनीश झिंगन ने यह कहा कि बातचीत से विवादों के समाधान का अन्य कोई अच्छा विकल्प नहीं है और जब दो पक्षकार आपस में विवादों को समझोते के माध्यम से निस्तारित करते हैं तो उन्हे अपने अहम को भी तोडते हुए ऐसा समाधान निकालना चाहिए जो दोनों पक्षकारों को स्वीकार्य हो। विशिष्ट अतिथि के रूप में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधिपति अजय रस्तोगी ने आर.के.रस्तोगी के व्यक्तिगत गुणों की प्रशंसा करते हुए राजदीपक रस्तोगी द्वारा इस कार्यक्रम के पहल करने के लिए प्रयासों को सराहना की और कहा कि वास्तव में न्यायालयों में विवादों के आने से पूर्व ही आपसी समझौते से विवादों को हल करने का अधिवक्ताओं का भी दायित्व है जिससे की न्यायालयों में बढ़ते हुए केसेज की संख्या को कम किया जा सके। कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए विधि विभाग की अध्यक्षा डॉ शिल्पा राव रस्तोगी ने नेगोशिएशन के महत्व को बताया और कहा कि आपसी बातचीत से यदि विवादों का हल नहीं किया जाता है तो ऐसा भी हो सकता है कि एक पक्षकार कुछ पाने की चाह में सब कुछ गवां बैठे।

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(Udaipur Kiran)

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