
भागलपुर, 24 मई (Udaipur Kiran) । भागलपुर के एक होटल में शनिवार को राष्ट्र सेवा दल की एक बैठक हुई। जिसकी अध्यक्षता प्रांतीय कार्याध्यक्ष अभय कुमार अकेला और संचालन रविंद्र कुमार सिंह, प्रांतीय सचिव ने की। बैठक में बिहार के शिक्षा की दुर्दशा और लालफीताशाही की चर्चा हुई।
वक्ताओं ने कहा कि डिजिटलाइजेशन के नाम पर जमीन के रिकार्ड में काफी गड़बड़ी हुई और परिमार्जन के नाम पर बड़ी वसूली होती है। दूसरी ओर डिजिटल शिक्षा पर सरकार जोर दे रही है। बिहार के किसी भी स्कूल और गांव में विद्यालय शिक्षा समिति की नियमित बैठक नहीं है। सरकारी स्कूल की शिक्षा को ध्वस्त किया जा रहा है। सरकारी स्कूलों में ज्यादातर गरीब वंचित और उत्पीड़ित वर्ग के बच्चे पढ़ते हैं और उसे खत्म करने की तैयारी है। बिहार के राजनीतिक हालात पर भी विस्तार से चर्चा हुई। लोगों ने कहा कि बिहार में राजनीतिक मूल्य का क्षरण हुआ है। आगामी 6 जून को गांधी जी के प्रपौत्र तुषार गांधी पटना के गांधी संग्रहालय में आ रहे हैं। भागलपुर से बड़ी संख्य में कार्यकर्ता भाग लेंगे। 15 मई को पटना में शिक्षा के सवाल पर आयोजित यात्रा में भी कार्यकर्ता भाग लेंगे।
राष्ट्र सेवा दल के पूर्व महामंत्री शाहिद कमाल ने कहा कि समावेशी राष्ट्र के निर्माण की प्रक्रिया में हम सब को जुटना चाहिए। नवेंदु ने कहा कि वर्तमान शिक्षा असमानता बढ़ा रही है। प्रो .उदय कांत मिश्रा ने कहा कि मेरा अनुभव है विश्वविद्यालय में बच्चे आ रहे हैं उनका स्तर बहुत निम्न है। प्रो योगेंद्र ने कहा कि कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को सेल्फ फाइनेंस्ड होने की बात कहकर गरीबों से उच्च शिक्षा छीनने की कोशिश की जा रही है। राष्ट्र सेवा दल के पूर्व प्रांतीय श अध्यक्ष उदय ने कहा कि आज गरीबों के लिए साक्षरता और अमीरों के लिए शिक्षा की नीति सरकार चला रही है।
शिक्षा में समानता और शिक्षा से समानता की राह पर हमें चलना चाहिए। बैठक में प्रसून लतांत, उदय, डॉ योगेंद्र, शाहिद कमाल, नवेंदु प्रियदर्शी, गौतम, सुभाष श, रंजीत मंडल, अनुपम आशीष, विनोद सिंह, मो बाकिर, संजय आदि ने महत्वपूर्ण सुझाव रखे।
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(Udaipur Kiran) / बिजय शंकर
