चित्तौड़गढ़, 16 जनवरी (Udaipur Kiran) । विशिष्ट न्यायालय पोक्सो कोर्ट चित्तौड़गढ़ क्रमांक-2 ने नाबालिग किशोरी के अपहरण एवं दुष्कर्म के मामले में अभियुक्त को दोषी माना है। अभियुक्त को आईपीसी और पोक्सो एक्ट की धाराओं में दोषी मानते हुए 20 साल का कठोर कारावास और 50 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
विशिष्ट लोक अभियोजक शिवराज सिंह राठौड़ ने बताया कि डूंगला थाने में एक प्रार्थी ने 23 जुलाई 2022 को एक रिपोर्ट दी थी। इसमें बताया कि प्रार्थी सुबह करीब 5 बजे शौच के लिए गया था और परिवार के अन्य सदस्य सोए हुए थे। इस दौरान प्रार्थी की नाबालिक पुत्री बिना किसी को कुछ बताएं कहीं चली गई। उसका आस-पास और रिश्तेदारों में तलाश की लेकिन पता नहीं चल पाया। प्रार्थी की रिपोर्ट पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया। मामले में जांच के बाद मंगलवाड निवासी गोपाल पुत्र भैरूलाल गाडरी को नामजद किया। पुलिस ने किशोरी को बरामद कर उसके बयान करवा अभियुक्त गोपाल गाडरी को गिरफ्तार कर 29 सितंबर 2022 को न्यायालय में चालान पेश किया। प्रकरण की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से न्यायालय में 16 गवाह एवं 28 दस्तावेज प्रदर्शित करवाए। मामले में पोक्सो कोर्ट चित्तौड़गढ़ क्रमांक-2 के न्यायाधीश अमित सहलोत ने गुरुवार को फैसला सुनाया। अभियुक्त गोपाल गाडरी को आईपीसी की धारा 363 में 7 वर्ष का कठोर कारावास एवं 10 हजार रुपए अर्थदंड, धारा 376 (3) में 20 वर्ष का कठोर कारावास व 20 हजार रुपए अर्थदंड तथा पोक्सो एक्ट की धारा 5 (एल)/6 में भी 20 वर्ष का कठोर कारावास एवं 20 हजार रुपए अर्थदंड सुनाया। इस तरह अभियुक्त को 20 वर्ष का कठोर कारावास और कुल 50 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया।—————
(Udaipur Kiran) / अखिल