नैनीताल, 11 जुलाई (Udaipur Kiran) । हाई कोर्ट ने दुष्कर्म के बाद नाबालिग की हत्या मामले में निचली अदालत से मिली फांसी की सजा को बीस साल की कैद में तब्दील कर दिया है। हाई कोर्ट ने आराेपित की अपील पर सुनवाई की थी, जिसमें स्पेशल जज पाॅक्सो कोर्ट हरिद्वार ने वर्ष 2022 में ऋषिकुल हरिद्वार निवासी 11 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर उसकी लाश के साक्ष्य छिपाने के अपराध में अभियुक्त को मृत्युदंड की सजा से दण्डित किया था।
मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार रामतीर्थ यादव को मृत्युदंड एवं व्यवसायी राजीव कुमार को पांच वर्ष के कठोर कारावास से दण्डित किया गया था। लॉ एंड जस्टिस सोसाइटी के वरिष्ठ सदस्य डीके सिंह एवं चित्तरंजन ने बताया कि दोनों अभियुक्तों ने हरिद्वार न्यायालय द्वारा पारित निर्णय को अपील के माध्यम से उच्च न्यायालय नैनीताल में चुनौती दी थी।
कोर्ट ने पाया कि मुकदमे में पुलिस द्वारा कई गंभीर त्रुटियां की गई हैं, जिसमें मुख्यतः यह भी है कि राजीव कुमार को पुलिस द्वारा अवैध तरीके से गिरफ्तार कर मुक़दमे में अभियुक्त बनाया गया था एवं फर्द गिरफ़्तारी संदेहास्पद थी, जिसके संदेह का लाभ अभियुक्त राजीव कुमार को दिया गया। राजीव कुमार की अपील को स्वीकार कर इस मुक़दमे से राजीव कुमार को दोषमुक्त किया गया एवं मुख्य अभियुक्त रामतीर्थ यादव की मृत्युदण्ड की सजा को तबदील कर बीस साल की कैद की सजा में तब्दील कर दिया गया है।
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(Udaipur Kiran) / लता / Satyawan Yadav / दधिबल यादव