Haryana

प्रगतिशील शहर गुरुग्राम को पर्यावरण के लिए भी बनाएंगे आदर्श शहर: राव नरबीर सिंह

गुरुग्राम को प्लास्टिक प्रदूषण से मुक्त कराने को लेकर बैठक लेते मंत्री राव नरबीर सिंह।

-पर्यावरण मंत्री ने अधिकारियों को अभियान के निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति में सभी उपलब्ध संसाधनों के इस्तेमाल के दिए निर्देश

गुरुग्राम, 23 मई (Udaipur Kiran) । हरियाणा के पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि गुरुग्राम की पहचान एक स्मार्ट और प्रगतिशील शहर के रूप में है। अब समय आ गया है कि हम इसे पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी एक आदर्श शहर बनाएं। प्लास्टिक प्रदूषण से न केवल पर्यावरण को बल्कि मानव स्वास्थ्य को भी गंभीर खतरा है। यह अभियान केवल सरकार का नहीं बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे स्वयं क्षेत्र में जाकर निरीक्षण करें और लोगों को इस अभियान से जुडऩे के लिए प्रेरित करें। यह बात उन्होंने शुक्रवार को यहां एक महत्वपूर्ण बैठक में अधिकारियों के समक्ष कही।

बैठक में नगर निगम मानेसर व गुरुग्राम, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, शहरी स्थानीय निकाय विभाग, जिला प्रशासन, पुलिस विभाग, उद्योग विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे। राव नरबीर सिंह ने कहा कि हरियाणा सरकार पर्यावरण संरक्षण की दिशा में लगातार ठोस कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि पॉलीथिन तथा सिंगल यूज प्लास्टिक प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ठोस और सुनियोजित कार्ययोजना बनाई जाए तथा सख्ती से लागू की जाए। राव ने बताया कि हरियाणा प्रदेश को पॉलीथिन तथा प्रदूषण से मुक्त रखने के लिए पर्यावरण मंत्रालय द्वारा सभी निर्णायक पहल की जा रही है। इन्ही प्रयासों के तहत सर्वप्रथम गुरुग्राम में तीन माह का एक विशेष पायलट अभियान चलाया जाएगा। जिसका उद्देश्य शहर को सिंगल यूज प्लास्टिक से पूरी तरह मुक्त करना है। इस अभियान में पॉलीथिन बैग, प्लास्टिक कप, प्लेट, चम्मच, स्ट्रॉ, आदि के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लागू किया जाएगा।

पर्यावरण मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यह अभियान केवल प्रतीकात्मक न होकर जमीनी स्तर पर प्रभावी और दीर्घकालिक परिणाम देने वाला होना चाहिए। इसके लिए सभी प्रभावी पहलुओं पर विशेष बल दिया जाए। उन्होंने कहा कि हरियाणा में वर्ष 2013 से पॉलीथिन बनना व बिकना पूरी तरह से बैन है। साथ ही स्वयंसेवी संस्थाओं, युवाओं और आरडब्ल्यूए की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। कपड़े के थैले, बायोडीग्रेडेबल पैकेजिंग सामग्री, और अन्य पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी आम जनता, दुकानदारों, उद्यमियों एवं छात्र संगठनों की सक्रिय भागीदारी से इस अभियान को जन आंदोलन का रूप देने की दिशा में काम करे।

(Udaipur Kiran)

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