

-रविवार को हल्दी लगाने की रस्म का निर्वहन, अबीर गुलाल की होली होगी
वाराणसी, 08 मार्च (Udaipur Kiran) । श्री काशी विश्वनाथ के गौना उत्सव (रंगभरी एकादशी) की शनिवार को पारम्परिक रस्मों के साथ शुरुआत हुई। काशी विश्वनाथ धाम में त्रिदिवसीय समारोह में पहले दिन दरबार में बाबा के साथ फूलों की होली खेली गई। बाबा विश्वनाथ एवं मां गौरा की चल रजत प्रतिमा को शास्त्रीय विधि से अर्चना और मंत्रोंच्चार के साथ मंदिर चौक में शिवार्चनम मंच के निकट तीन दिन के लिए विराजित कराया गया। संन्ध्या बेला में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने श्री काशी विश्वनाथ धाम की फूलों की होली में भाग लिया। मंदिर चौक में निरंतर तीन दिनों तक सांस्कृतिक उत्सव के साथ लोक उत्सव का आयोजन भी किया जाएगा।
मंदिर न्यास के अफसरों के अनुसार, पर्व पर श्री कृष्ण जन्मस्थान मथुरा से सांस्कृतिक आदान प्रदान के नवाचार एवं सोनभद्र से वनवासी समाज के पलाश गुलाल के शिवार्पण से शुरुआत होगी। मंदिर में 09 मार्च रविवार को प्रातः काल हल्दी लगाने की प्रथा का निर्वहन होगा। अपराह्न में अबीर होली और सायंकाल गुलाल की होली खेली जाएगी। रंगभरी एकादशी के दिन प्रातःकाल भस्म अर्पण, हल्दी भस्म अर्पण होगा। इसके बाद शाम को ही श्री कृष्ण जन्मस्थान मथुरा से प्राप्त होली सामग्री, वनवासी समाज से प्राप्त पलाश गुलाल एवं काशी भस्म, बाबा विश्वनाथ एवं मां गौरा को अर्पण कर रंगभरी एकादशी मनेगी।
मंदिर न्यास के अनुसार, रंगभरी एकादशी के दिन सायं 4 बजे मंदिर चौक से बाबा के चल रजत विग्रह की पालकी शोभायात्रा समारोहपूर्वक निकाली जाएगी। जिसमें काशी वासी एवं धाम में आए श्रद्धालु भी भाग लेंगे। अफसरों ने बताया कि अधिक से अधिक श्रद्धालु इस लोक आयोजन के अंग बन सकें इस उद्देश्य से इस वर्ष मंदिर चौक के विस्तृत क्षेत्र में उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। लाखों की संख्या में इस वर्ष काशीवासी एवं धाम में आने वाले श्रद्धालुजन इस लोकोत्सव के सहभागी होंगे। श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुविधा तथा पर्व की भव्यता के दृष्टिगत बाबा विश्वनाथ एवं मां गौरा की पालकी शोभा यात्रा भी मंदिर चौक के वृहद परिसर से मंदिर प्रांगण में प्रवेश करते हुए गर्भगृह में प्रवेश करेगी। सभी कार्यक्रमों का श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के यूट्यूब चैनल एवं सोशल मीडिया हैंडल्स से लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए लाइव प्रसारण भी होगा।
—————
(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
