Jharkhand

भारत को विश्वगुरु बनाने के लिए संस्कृत का उत्थान जरूरी: रामाशीष

संस्‍कृत भारती के कार्यक्रम की तस्‍वीर

रांची, 24 मई (Udaipur Kiran) । यदि भारत को पुनः विश्वगुरू के रूप में प्रतिष्ठित करना है तो इसके लिए संस्कृत विद्या का पुनरुत्थान जरूरी है।

यह बातें संस्कृत सेवा संघ के महासचिव और मारवाड़ी कॉलेज के संस्कृत विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ) रामाशीष पाण्डेय ने कही।

पांडेय

संस्कृत भारती उत्तर-पूर्व क्षेत्र की ओर से आयोजित क्षेत्रीय प्रशिक्षण वर्ग के उद्घाटन अवसर पर रांची के विद्यानगर स्थित डीएवी स्वर्णरेखा पब्लिक स्कूल में मुख्य अतिथि के रूप में प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि ऐसे प्रशिक्षण वर्गों के माध्यम से संस्कृत भाषा का प्रचार-प्रसार, जनसामान्य तक पहुंचने में अत्यंत सहायक सिद्ध हो सकता है। यह कार्य भारत की सांस्कृतिक पुनरुत्थान की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ ताराकान्त शुक्ल ने कहा कि विद्या अभ्यास से ही प्राप्त होती है।

संस्कृत में ज्ञान, धर्म के साथ वैज्ञानिकता भी समाहित

उन्होंने यह भी कहा कि संस्कृत में निहित ज्ञान न केवल धार्मिक या आध्यात्मिक है, बल्कि उसमें वैज्ञानिकता भी समाहित है, जिसे सामान्य व्यक्ति भी सहजता से समझ सकता है। यदि संस्कृत का व्यवहारिक प्रयोग बढ़ेगा तो जनमानस संस्कृत भाषा को न केवल अपनाएगा, बल्कि गर्व से इसका प्रचार भी करेगा।

दैवीय कार्य है संस्कृत को आम लोगों तक पहुंचाने का कार्य : डॉ प्रकाश

संस्कृत भारती, रांची महानगर के अध्यक्ष डॉ प्रकाश सिंह ने कहा कि यह संस्था संस्कृत को सामान्य जन तक पहुंचाने का कार्य कर रही है और यह एक दैवीय कार्य है। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक संस्कृत जीवन में पुनः स्थान प्राप्त नहीं करती, तब तक भारत का सांस्कृतिक पुनरुत्थान संभव नहीं है।

विशिष्ट अतिथि वेद प्रकाश बागला कहा कि सनातन धर्म की जड़ों को मजबूत करने के लिए संस्कृत का प्रशिक्षण आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि यह वर्ग भविष्य में एक मील का पत्थर साबित होगा। कार्यक्रम का संचालन राम अचल यादव (देवघर विभाग संयोजक) ने किया।

वहीं कार्यक्रम में संस्कृत भारती, झारखंड के प्रांत मंत्री पृथ्वीराज सिंह ने प्रशिक्षण वर्ग का वृत्त प्रस्तुत किया।

प्रांत उपाध्यक्ष डॉ दीपचन्दराम कश्यप ने भी विचार प्रकट किया।

इस अवसर पर डॉ धनंजय वासुदेव द्विवेदी, डॉ चंद्रमाधव सिंह, सत्येंद्र गुप्त, ओम प्रकाश गुप्त, डॉ जगदम्बा प्रसाद, डॉ राहुल कुमार, आशीष कुमार सहित अन्य उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak

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