Chhattisgarh

भागवत कथा को आत्मसात करने वाला सांसारिक दुखों से हो जाता है मुक्त : रामप्रताप शास्त्री

कथा सुनाते हुए आचार्य रामप्रताप शास्त्री।

धमतरी, 25 सितंबर (Udaipur Kiran) । धमतरी स्थित रुद्री साहू सदन में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के प्रथम दिन 25 सितंबर को कथावाचक आचार्य रामप्रताप शास्त्री महाराज ने कहा कि जीवन में यदि मान, बड़ा पद या प्रतिष्ठा मिला जाए तो उसे ईश्वर की कृपा मानकर भलाई के कार्य करना चाहिए, लेकिन यदि उसका जीवन में किंचित मात्र भी अभिमान हुआ तो वह पाप का भागीदार बना देता है। श्रीमद्भागवत कथा बड़े से बड़े पापियों को भी पापमुक्त कर देती है, इसलिए जहां कही भी कथा हो रही हो इसका श्रवण करना चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि अहंकार से भरे राजा परीक्षित ने जंगल में साधना कर रहे शमीक ऋषि के गले में मरा हुआ सर्प डाल दिया। परिणामस्वरूप राजा परीक्षित को एक सप्ताह में मृत्यु का शाप मिला। जब परीक्षित ने अपने सिर से स्वर्ण मुकुट को उतारा तो उन पर से कलियुग का प्रभाव समाप्त हो गया और उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

जब-जब भगवान के भक्तों पर विपदा आती है तब भगवान उनके कल्याण के लिए सामने आते हैं। परीक्षित को भवसागर से पार लगाने के लिए अब भगवान शुकदेव के रूप में प्रकट हो गए और श्रीमद्भागवत कथा सुनाकर परीक्षित को अपने चरणों में स्थान प्रदान किया। उन्होंने महाभारत का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि युद्ध के दौरान जब कर्ण की भगवान कृष्ण से चर्चा हुई तो कर्ण ने कहा कि मृत्यु के बाद ऐसी जगह मेरा दाह संस्कार हो जहां आज तक किसी का नहीं हुआ। भगवान ने उसकी मृत्यु के बाद कर्ण का अंतिम संस्कार अपने हाथों से किया। कथा प्रतिदिन दोपहर दो बजे से शाम छह बजे तक जारी है्। कथा के आयोजक नरेंद्र साहू एवं समस्त साहू परिवार छत्तीसगढ़ वस्त्रालय हैं। कथा श्रवण करने पहुंचे पूर्व विधायक रंजना साहू, सुनील साहू, केके साहू, सीयाराम साहू, रेमन साहू सहित क्षेत्रवासी बड़ी संख्या में पहुंचे।

नारायण की भक्ति में ही मिलता है परम आनंद

श्री शास्त्री जी ने कहा कि नारायण की भक्ति में ही परम आनंद मिलता है। उसकी वाणी सागर का मोती बन जाता है। भगवान प्रेम के भूखे हैं। वासनाओं का त्याग करके ही प्रभु से मिलन संभव है। उन्होंने श्रद्धालुओं से कहा कि वासना को वस्त्र की भांति त्याग देना चाहिए। भागवत कथा का जो श्रवण करता है भगवान का आशीर्वाद बना रहता है।

(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा

Most Popular

To Top