– ‘मेक इन इंडिया’ परियोजनाओं में रूसी उद्योगों की भागीदारी बढ़ाने के नए अवसरों पर जोर दिया
नई दिल्ली, 10 दिसंबर (Udaipur Kiran) । रूस की यात्रा के आखिरी दिन मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मॉस्को में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। उन्होंने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने सहमति व्यक्त की कि दोनों देशों के बीच साझेदारी में अपार संभावनाएं हैं और संयुक्त प्रयासों से उल्लेखनीय परिणाम मिलेंगे। रक्षा मंत्री ने राष्ट्रपति पुतिन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं भी दीं।
रक्षा मंत्री ने आज मॉस्को में भारत-रूस अंतर-सरकारी सैन्य एवं सैन्य सहयोग आयोग (आईआरआईजीसी-एमएंडएमटीसी) की 21वीं बैठक के मौके पर पुतिन से मुलाकात में द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। बैठक के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों देशों के बीच की मित्रता सबसे ऊंचे पर्वत से भी ऊंची और सबसे गहरे महासागर से भी गहरी है। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा अपने रूसी मित्रों के साथ खड़ा रहा है और भविष्य में भी ऐसा करता रहेगा। राजनाथ सिंह ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने कहा कि दोनों देशों के बीच साझेदारी में अपार संभावनाएं हैं।
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने रूसी समकक्ष एंड्री बेलौसोव के साथ मॉस्को में आईआरआईजीसी-एमएंडएमटीसी की बैठक की। रक्षा मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत-रूस संबंध बहुत मजबूत हैं और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी की जिम्मेदारियों को पूरा किया है। उन्होंने कहा कि 2024 के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दो रूस यात्राओं से संबंध और मजबूत हुए हैं। राजनाथ सिंह ने अपने घरेलू रक्षा उद्योग की क्षमताओं को सभी क्षेत्रों और औद्योगिक सहयोग में विस्तार करने के दृढ़ संकल्प को दोहराया। उन्होंने ‘मेक इन इंडिया’ परियोजनाओं में रूसी उद्योगों की भागीदारी बढ़ाने के नए अवसरों पर जोर दिया।
रूसी रक्षा मंत्री ने दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास पर आधारित संबंधों को गहरा करने पर जोर दिया। उन्होंने आईएनएस तुशील के जलावतरण पर रक्षा मंत्री को बधाई दी। उन्होंने आगे कहा कि 2021-31 के लिए सैन्य तकनीकी सहयोग समझौते के क्रियान्वयन से ‘मेक इन इंडिया’ को आवश्यक प्रोत्साहन मिलेगा। राजनाथ सिंह ने रूसी मंत्री बेलौसोव को 2025 में आईआरआईजीसी-एमएंडएमटीसी के 22वें सत्र की सह-अध्यक्षता करने के लिए भारत आने का निमंत्रण दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार किया। अंत में दोनों मंत्रियों ने 21वीं आईआरआईजीसी-एमएंडएमटीसी बैठक के प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए।
बैठक से पहले रक्षा मंत्री ने सेंट्रल मॉस्को में रूसी रक्षा मंत्रालय में गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया।
इससे पहले उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान मारे गए सोवियत सैनिकों की स्मृति में मॉस्को में ‘अज्ञात सैनिक की समाधि’ पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने भारतीय समुदाय के सदस्यों के साथ बातचीत करके विदेशों में प्रवासी भारतीयों के योगदान को सराहा। मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास स्कूल (केन्द्रीय विद्यालय) के छात्रों और रूसी कलाकारों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। रक्षा मंत्री ने रूस की अपनी यात्रा के दौरान जीवंत भारतीय समुदाय के साथ विदेशों में भारतीयों के मजबूत सांस्कृतिक संबंधों और योगदान का जश्न मनाया।
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(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम