
राजगढ़, 26 मई (Udaipur Kiran) । ब्यावरा कस्बे के भीलवाड़िया परिवार ने स्वयं पहल करते हुए पुण्यात्मा का नेत्रदान करने का निर्णय लिया। नवज्योति नेत्रदान समिति सदस्यों के प्रयासों से टीम ने निवास पर पहुंचकर नेत्र प्राप्त किए। इसमें दोनों कार्निया श्रेष्ठ पाए गए, जो दो नेत्रहीन व्यक्तियों को नई रोशनी और जीवन प्रदान करेगा। राजगढ़ जिले में नेत्रदान के प्रति लगातार जागरुकता बढ़ रही है। इसी के चलते कस्बे के कैलाशनारायण गुप्ता के अनुज डाॅ.रमेशचंद गुप्ता भीलवाड़िया वाले की धर्मपत्नी, डाॅ.दिलीप गुप्ता की माताजी राधाबाई के निधन के बाद नेत्रदान किया गया, जो पिछले सप्ताह से अस्वस्थ थी, जिनका रविवार को निधन हो गया। परिवार ने इस शोक की घड़ी में सेवा और मानवता का उदाहरण पेश करते हुए नेत्रदान के पुण्य कार्य के लिए सहमति प्रदान की।
नवज्योति नेत्रदान समिति जिला राजगढ़ की पूजा गुप्ता और राजेन्द्र फलौदी के प्रयासों से टीम ने घर पहुंचकर नेत्र प्राप्त किए, जिनकी दोनों कार्निया श्रेष्ठ पाई गई, जो दो नेत्रहीन व्यक्तियों को नई रोशनी और जीवन प्रदान करेंगे। यह समाज का 51 वां नेत्रदान है, वहीं इस वर्ष का रिकाॅर्ड 17 वां नेत्रदान है। इससे पहले 28 नवंबर को पड़ाना के भंडारी परिवार की लीलाबाई, 4 दिसम्बर को बोड़ा की बालिका सुरभि गुप्ता, 8 फरवरी को श्रीनाथदास टांक और 28 फरवरी को ब्यावरा कस्बे की गीताबाई के परिवार ने नेत्रदान का उत्कृष्ट कार्य किया था। नेत्रदान प्रक्रिया के समय मौजूद समाज सदस्यों ने इस विषय को जानकर संतोष महसूस किया कि नेत्रदान के बाद चेहरे पर कोई विकृति नही आती और महज दस मिनिट की छोटी सी रक्तहीन प्रक्रिया से दो लोगों को जीवन देने का परोपकार प्राप्त होता है।
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(Udaipur Kiran) / मनोज पाठक
