
सिरोही, 2 मई (Udaipur Kiran) । पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे का शुक्रवार को सिरोही जिले के रेवदर में शायराना अंदाज़ देखने को मिला। आंजनी माता मंदिर में आयोजित प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान उन्होंने मंच से एक भावुक और प्रभावशाली कविता पढ़ी, जिसने श्रोताओं को प्रभावित किया।
वसुंधरा राजे ने कहा कि
गमों की आंच पर आंसू उबालकर देखो,
बनेंगे रंग किसी पर भी डाल कर देखो,
तुम्हारे दिल की चुभन जरूर कम होगी,
किसी के पांव से कांटा निकाल कर तो देखो।
समारोह में जालोर सांसद लुंबाराम चौधरी ने वसुंधरा राजे को सम्मान स्वरूप तलवार भेंट की। इस पर उन्होंने कहा कि सिरोही वो जगह है जहां तलवार बनती है, और तलवार को किस तरीके से म्यान में रखना है, यह भी सिरोही जानता है। उनके इस कथन पर सभा में तालियों की गूंज सुनाई दी।
25 साल की राजनीतिक यात्रा और जनता का साथ
अपने 19 मिनट के भाषण में राजे ने कहा कि “राजनीति में मुझे 25 वर्ष हो गए हैं। इस दौरान कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन सिरोही की जनता हमेशा मेरे साथ ढाल बनकर खड़ी रही।” उन्होंने यह भी कहा कि इस क्षेत्र से उनका आत्मिक जुड़ाव है और आंजनी माता मंदिर उनके लिए आस्था का केंद्र है।
राजे ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि “बालिकाओं को अपने पैरों पर खड़ा करना जरूरी है। हमें उन्हें यह सिखाना है कि अपनों के साथ का रिश्ता सबसे अमूल्य होता है।” उन्होंने गांव की महिलाओं की सराहना करते हुए कहा कि “भले ही आप बड़े शहरों से आई हों, लेकिन आपकी वेशभूषा और सरलता गांव की संस्कृति की पहचान है।”
प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की महत्ता पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि “यह भारतीय संस्कृति का बहुत बड़ा हिस्सा है। मेरा मानना है कि यह हिंदू धर्म का एक महान प्रयोग है। धर्म केवल पूजा-पाठ नहीं, बल्कि मानवता को जोड़ने वाला तत्व है जो आने वाले समय में भारत को विश्वगुरु बनाने की प्रेरणा देगा।”
उन्होंने बताया कि आंजनी माता मंदिर का संबंध माउंट आबू की अर्बुदा देवी से है, जहां उनके गुरु महाराज ने वर्षों तक तपस्या की थी। इसी कारण उनका इस स्थान से आत्मिक जुड़ाव रहा है।
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(Udaipur Kiran) / रोहित
