नई दिल्ली, 09 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । पटियाला हाउस कोर्ट की एडिशनल सेशंस जज किरण गुप्ता ने चीनी स्मार्टफोन कंपनी वीवो से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में राजन मलिक को जमानत दे दी है। कोर्ट ने कहा कि राजन मलिक कंपनी के मुख्य प्रबंधकों में नहीं था और वो वीवो कंपनी को बतौर चार्टर्ड अकाउंटेंट अपनी सेवाएं दे रहा था। ऐसे में ये कहीं नहीं साबित हो रहा है कि वो अपराध में शामिल रहा है। कोर्ट ने कहा कि ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है, जिससे पता चले कि आरोपित ने अपने प्रोफेशन की सीमा से हटकर कुछ किया हो।
इससे पहले 20 दिसंबर, 2023 को कोर्ट ने ईडी की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। ईडी ने 7 दिसंबर, 2023 को चार्जशीट दाखिल ली थी। ईडी ने चार्जशीट में वीवो के मैनेजिंग डायरेक्टर हरि ओम राय के अलावा चीनी नागरिक गोंगवेन कुआंग, सीए नितिन गर्ग और राजन मलिक को आरोपित बनाया है। इन आरोपितों को 10 अक्टूबर, 2023 को गिरफ्तार किया गया था। ईडी ने इनके खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपित बनाया है।
ईडी के मुताबिक वीवो इंडिया ने गलत तरीके से धन हासिल किया, जो भारत की आर्थिक संप्रभुता के लिए खतरा है। ईडी ने वीवो और उससे जुड़े लोगों पर जुलाई 2022 देश भर के 48 स्थानों पर छापा मारा था। ईडी ने वीवो कंपनी से जुड़ी 23 कंपनियों पर भी छापा मारा था। ईडी का दावा है कि छापे के दौरान मनी लांड्रिंग के बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ था। ईडी के मुताबिक इस मामले में कई चीनी नागरिक और भारतीय कंपनियां शामिल हैं। ईडी के मुताबिक करीब 62476 करोड़ रुपये की रकम वीवो ने गैरकानूनी रूप से चीन ट्रांसफर किए थे। ये रकम भारत में टैक्स से बचने के लिए चीन ट्रांसफर किए गए थे।
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(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम