
मंडी, 28 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । महीने के अंतिम दिन बारिश के रौद्र रूप ने सब कुछ जल थल कर दिया। पिछले तीनों से चली आ रही बारिश के लगातार 36 घंटे तक चलते रहने से समूचा जनजीवन तहस-नहस होकर रह गया। भले ही फसलों व बागीचों के साथ साथ जल शक्ति विभाग के लिए यह बारिश किसी वरदान से कम नहीं है मगर शुक्रवार सुबह इसने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया। इस बारिश से गंदम की फसल व बागीचों के लिए वरदान माना जा रहा है, साथ ही जल शक्ति विभाग के लिए भी यह किसी वरदान से कम नहीं। सभी जल स्त्रोत चार्ज हो गए हैं, नदी नालों में खूब पानी भर गया है, इससे जल संकट जो गर्मियों में आता है उसमें निश्चित तौर पर कमी आएगी।
दूसरे दिन भी धो डाला शिवरात्रि मेला
मंडी में चल रहे अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि मेले में ऐसा पहली बार हुआ कि शुक्रवार को कोई भी देवी देवता मेला स्थल यानी पड्डल मैदान नहीं जा पाए। सभी देवी देवता अपने देवलुओं के साथ अपने अपने रात्रि ठहराव स्थलों पर ही रुके रहने को मजबूर हो गए। बारिश ने मेले को पूरी तरह से धो डाला। मेला मैदान कीचड़ का मैदान बन गया और कोई भी गतिविधि इस दौरान नहीं हो पाई। गांव से भी कोई मेला देखने नहीं आया जिससे डोम के अंदर सजाए गए बाजार में भी ग्राहक नहीं पहुंचे। बारिश ने सब जल थल करके रख दिया। प्रशासन के सारे इंतजाम धरे के धरे रह गए।
पंडोह व बरोट बांधों से छोड़ा गया पानी
ब्यास नदी पर पंडोह में तथा उहल नदी पर बरोट में बने बांधों से पानी छोड़ना पड़ा जिससे नदी में जल स्तर बढ़ गया। जल स्तर बढ़ने से ब्यास नदी में बरसात जैसी स्थिति बन गई। यहां तक कि महाशिवरात्रि के दिन जो ब्यास नदी किनारे पंचबक्तर मंदिर के पास ब्यास आरती का भव्य आयोजन किया गया था के लिए लगाया गया मंच भी पूरी तरह से जलमग्न होकर बह गयाए इसे कार्यक्रम खत्म होने पर उठा लिया जाता तो बड़ा नुक्सान होने से बच सकता था। प्रशासन को नदी से दूर रहने की अपील करनी पड़ी व बीबीएमबी को लोगों को सतर्क करने के लिए अपने वाहनों से अनाउंसमेंट करवानी पड़ी।
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि कुल्लू घाटी व मंडी जिले के ब्यास जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के चलते नदी में जल स्तर बढ़ गया है इस कारण से पंडोह बांध से 7 हजार क्यूसिक पानी छोडऩा पड़ा है। इसी तरह से छोटा भंगाल में बादल फटने व बारिश के चलते उहल नदी में जल स्तर बढ़ गया जिससे बरोट बैराज से भी पानी छोड़ा गया है।
मंडी में खिसका पहाड़ यातयात किया बंद
मंडी शहर के बीचों बीच विश्वकर्मा मंदिर के पास जो एक बड़ा भूसख्लन 13 अगस्त 2023 को हुआ था, को ठीक करने का काम शिवरात्रि मेला शुरू होने से ठीक पहले शुरू करना महंगा पड़ गया। पहाड़ को गलत समय पर छेड़ देने व इस पर ढके गए तिरपाल को हटा देने से शुक्रवार को इसमें फिर से चट्टानें खिसकने शुरू हो गई। इस कारण से शुक्रवार सुबह ही पुलिस ने इस रास्ते जो शहर का प्रवेश द्वार हैए जहां से हजारों वाहन रोजाना गुजरते हैं व शिवरात्रि महोत्सव के चलते हजारों लोग पैदल भी यहां से गुजर रहे हैं को बंद कर दिया। कई बड़ी बड़ी चट्टानें गिर कर सड़क पर आ गई। खतरा लगातार बना हुआ है। यहां पर आइआइटी मंडी की मदद से खतरे के अलार्म भी लगाए गए हैं और आइआइटी प्रबंधन ने भी यहां पर खतरा होने की चेतावनी जारी कर दी है। इसे प्रशासन व लोक निर्माण विभाग की ए आ बैल मुझे मारए देने वाली कहावत को ही चरितार्थ करना माना जा रहा है। बरसात के दिनों में इस जगह को तिरपाल से ढका गया था मगर अब इसे भी उठाकर ले गए हैं। ऐसे में बारिश ने कच्ची मिट्टी व चट्टानों को खतरनाक बना दिया है। सीधी खड़ी पहाड़ी से मलबा गिर रहा है जो सीधे मुख्य सडक़ पर आ रहा है।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा
