
रायगढ़, 7 मई (Udaipur Kiran) । साइबर ठगी के एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए रायगढ़ पुलिस ने उत्तराखंड के देहरादून से प्रशिक्षु आईपीएस हर्षित मैहर थाना प्रभारी खरसिया की टीम ने इंटर स्टेट साइबर फ्राड गैंग के तीन आरोपितों को गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल की है। खरसिया क्षेत्र के बोतल्दा निवासी एक प्लांट कर्मचारी से करीब 91 लाख रुपये की ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले में यह कार्रवाई की गई, जिसमें आरोपितों द्वारा ‘समारा ट्रेडिंग एप’ के नाम पर फर्जी निवेश के बहाने भारी रकम ठगी गई थी।
पुलिस अधीक्षक रायगढ़ दिव्यांग पटेल ने बुधवार को पत्रकारवार्ता में बताया कि 22 फरवरी 2024 को पीड़ित राजेश गबेल को एक वॉट्सऐप लिंक के जरिए एक ग्रुप में जोड़ा गया, जहां शेयर ट्रेडिंग में 5 से 7 प्रतिशत तक लाभ का प्रलोभन दिया गया। आरोपिताें ने पीड़ित से ‘समारा प्रो एप’ डाउनलोड कराकर उसमें निवेश शुरू कराया और कुल 91 लाख रुपये निवेश करा लिए। बाद में जब निवेशित शेयरों को बेचना संभव नहीं हुआ, तब ठगी का अहसास हुआ। प्रकरण में खरसिया थाना में अपराध दर्ज किया गया।
साइबर सेल व खरसिया पुलिस की संयुक्त टीम बनाई गई। जांच में यह सामने आया कि पीड़ित की रकम देहरादून स्थित बैंक खातों में ट्रांसफर हुई है। प्रशिक्षु आईपीएस हर्षित मैहर थाना प्रभारी खरसिया के नेतृत्व में गठित विशेष टीम ने देहरादून पहुंचकर खाता धारक शेखर थपलियाल का पता हासिल किया और हिरासत में ले लिया। पूछताछ में उसके जॉइंट अकाउंट होल्डर कुलदीप सिंह रावत और मुख्य सरगना आशीष अग्रवाल का नाम सामने आया। पुलिस ने दोनों को भी स्थानीय पुलिस की मदद से दबोच लिया।
पूछताछ में खुलासा हुआ कि आशीष अग्रवाल विभिन्न लोगों से बैंक अकाउंट और लिंक्ड मोबाइल नंबर पर कमीशन लेकर प्राप्त करता था और फर्जी ट्रेडिंग कंपनी के नाम पर निवेश कराकर ठगी करता था। इस गिरोह द्वारा उपयोग किये गये मोबाइल नंबरों के खिलाफ उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों में कुल 55 ऑनलाइन धोखाधड़ी की शिकायतें दर्ज हैं, जिनमें करीब 6 करोड़ रुपये के लेन-देन का रिकॉर्ड सामने आया है। आरोपितों के खिलाफ खरसिया, जिला रायगढ़ के अलावा तीन और अपराध आजमगढ़ और बलिया (उत्तर प्रदेश) में पंजीबद्ध हैं।
गिरफ्तार तीनों आरोपितों को देहरादून से ट्रांजिट रिमांड पर कल मंगलवार को रायगढ़ लाया गया। उनके पास से 3 मोबाइल फोन, आईडीएफसी बैंक का संयुक्त खाता चेकबुक और सील जब्त की गई है। न्यायालय में प्रस्तुत कर सभी को न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है। मामले में विवेचना जारी है ।
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(Udaipur Kiran) / रघुवीर प्रधान
