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विपक्षी दलों के छात्र संगठनों का शिक्षा नीति और यूजीसी ड्राफ्ट के खिलाफ प्रदर्शन, राहुल भी हुए शामिल

जंतर-मंतर पर धरने को संबोधित करते राहुल गांधी

नई दिल्ली, 24 मार्च (Udaipur Kiran) । आईएनडीआई गठबंधन के घटक दलों के छात्र संगठनों ने सोमवार को जंतर-मंतर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति और यूजीसी ड्राफ्ट सहित देश की शिक्षा व्यवस्था से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विरोध-प्रदर्शन किया। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने प्रदर्शन में भाग लेते हुए आरोप लगाया कि शैक्षणिक संस्थानों पर आज सत्ता पक्ष के लोग कब्जा कर रहे हैं। छात्रों के साथ भेदभाव किया जा रहा है और पेपर लीक जैसी घटनाएं हो रही हैं।

विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस के छात्र संगठन नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई), वाम दलों के छात्र संगठन अखिल भारतीय स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आईसा), स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई), ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ), मुस्लिम स्टूडेंट्स फेडरेशन (एमएसएफ), समाजवादी छात्र सभा और छात्र राष्ट्रीय जनता दाल (सीआरजेडी) और अन्य संगठनों भाग किया।

राहुल ने जंतर-मंतर पर छात्र संगठनों के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान शिक्षा व्यवस्था के चलते किसी को रोजगार नहीं मिलेगा। देश बर्बाद हो जाएगा। आज विपक्ष की मांग को अनसुना किया जा रहा है। ऐसे में छात्रों की जिम्मेदारी है कि वह हर अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएं और पूरी ताकत से लड़ें। राहुल गांधी ने लोकसभा में प्रधानमंत्री के कुंभ मेले पर दिए भाषण का उल्लेख कर कहा कि इस पर बात करना ठीक है लेकिन उन्हें भविष्य के बारे में भी बात करनी चाहिए। प्रधानमंत्री बेरोजगारी और महंगाई पर एक शब्द नहीं कहते हैं। हमें इन सबके खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा।

एनएसयूआई के अध्यक्ष वरुण चौधरी ने इस दौरान कहा कि हमने राहुल गांधी को ज्ञापन सौंपा हैं। इसमें हमने मांग की है कि नई शिक्षा नीति और यूजीसी ड्राफ्ट वापस लिया जाए। इसमें हमने पेपर लीक और छात्रों के साथ भेदभाव का मुद्दा भी उठाया।

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(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा

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