Chhattisgarh

अपने अंदर की तमाम बुराईयाें व झूठों का कुर्बान करें

ईदगाह में ईद-उल-अजहा की नमाज अदा करते हुए समाजजन।

धमतरी, 7 जून (Udaipur Kiran) । ईद-उल-अजहा का त्याेहार सिर्फ जानवरों की कुर्बानी पेश कर न मनाएं बल्कि इस दिन अपने अंदर की तमाम बुराईयां झूठ, गीबत, नशा, जलन आदि को भी कुर्बान करें, यही सच्चे मोमिन की पहचान है। अल्लाह की राह में सच्चे दिल से पेश की गई तमाम कुर्बानियों को अल्लाह कुबूल फरमाता है, फिर चाहे वह गरीब की मदद करने अपनी दौलत की कुर्बानी हो या फिर हक की राह में पेश की गई जानमाल की कुर्बानी हो।

यह बातें शनिवार काे बकरीद के मौके पर तकरीर में जामा मस्जिद के पेश इमाम मौलाना रहमानी रजा मिस्बाही ने कही। उन्होंने कुर्बानी की फजीलत बयां करने के साथ ही पंजवक्ता नमाज अदा करने और बुराईयों से दूर रहने की सीख दी। शहर में सात जून को बकरीद का पर्व परंपरागत ढंग से मना। सुबह छह बजे ईद-उल-अजहा की पहली जमात जामा मस्जिद में अदा की गई, पश्चात ईदगाह में सामूहिक नमाज हुई, जिसमे हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। नमाज के पहले तकरीर में मौलाना मिस्बाही ने कहा कि कुर्बानी कभी भी दिखावे के लिए नहीं करना चाहिए, बल्कि अल्लाह की रजा के लिए करना चाहिए। दिखावा अल्लाह को बिल्कुल भी पसंद नहीं है। फिर चाहे कोई अपनी दौलत का दिखावा करें या फिर कोई अपनी ताकत का दिखावा करे। दिखावे की तरह तकब्बुर को भी अल्लाह ने नापसंद फरमाया है। इसलिए मोमिन को व्यवहार कुशल रहते हुए सभी से नरमी से पेश आना चाहिए।

इस्लाम ने हमेशा मोहब्बत का पैगाम दिया

इस्लाम ने हमेशा मोहब्बत का पैगाम दिया है, हक और सच की राह पर चलते हुए अपने ईमान की हिफाजत करना चाहिए। तकरीर के बाद छह जाईद तकबीरो के साथ दो रकात नमाज ईद-उल-अजहा की अदा की गई, पश्चात दुआ हुई जिसमें एक साथ हजारों हाथ देश मे अमन, चैन और शांति की दुआ के लिए उठे। फिर मुस्लिम समाज के लोगों ने कब्रस्तान पहुंचकर मरहुमीनो के लिए दुआ की, घरों में कुर्बानी पेश की गई। ईदगाह के बाहर मुस्लिम भाईयों को बकरीद की मुबारकबाद देने के लिए बहुजन समाज पार्टी के आशीष रात्रे अपनी टीम के साथ पहुंचे थे। इस अवसर पर बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित थे।

(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा

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