
नैनीताल, 17 मई (Udaipur Kiran) । नैनीताल नगर पालिका क्षेत्र में बाहरी व्यक्तियों के विरुद्ध चलाए जा रहे सत्यापन अभियान में स्थानीय मूल निवासियों को भी शामिल करने और उनके लिये ‘संदिग्ध व्यक्ति’ जैसे शब्दों के प्रयोग के विरुद्ध आवाज उठने लगी है। इस संबंध में नगर पालिका के आठ सभासदों ने भी आज नगर कोतवाल को ज्ञापन सोंपा।
इस संबंध में नगर के समाजसेवी व भाजपा नेता हरीश राणा ने कहा कि नैनीताल पुलिस सत्यापन अभियान को लेकर स्थानीय नागरिकों, विशेषकर उत्तराखंड मूल के स्थायी निवासियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। राज्य सरकार द्वारा बाहरी व्यक्तियों की गतिविधियों पर नियंत्रण और स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु यह अभियान शुरू किया गया, परंतु इसकी प्रक्रिया और भाषा को लेकर कई प्रश्न खड़े हो गए हैं।
अभियान के तहत पुलिस के द्वारा स्थानीय निवासियों से भी जमीन की रजिस्ट्री, खाता-खतौनी जैसे दस्तावेज मांगे जा रहे हैं, जबकि सत्यापन प्रारूप मूलतः उत्तराखंड से बाहर के नागरिकों के लिए बनाया गया है। प्रारूप के दूसरे पृष्ठ में ‘संदिग्ध व्यक्ति’ और ‘उसके परिजनों के उंगलियों के निशान’ जैसे शब्दों के प्रयोग को स्थानीय लोग असंवेदनशील मान रहे हैं। यह भी स्पष्ट नहीं है कि क्या पुलिस को स्थानीय लोगों से जमीन के दस्तावेज मांगने का अधिकार है।
नगर पालिका सभासदों ने सोंपा ज्ञापन
इसी क्रम में नैनीताल नगर पालिका के आठ सभासदों ने शनिवार को मल्लीताल के कोतवाल हेम चंद्र पंत को एक संयुक्त ज्ञापन सौंपा है, जिसमें स्थानीय नागरिकों के साथ सत्यापन कार्य के दौरान सौम्य और सहयोगात्मक व्यवहार रखने, सत्यापन कार्य की समय-सीमा बढ़ाने, बाहरी व्यक्तियों को किसी प्रकार की छूट न देने और उनके दस्तावेजों की सख्ती से जांच करने की मांग की गई है। साथ ही यह भी कहा गया है कि संबंधित व्यक्ति या परिवार का सत्यापन क्षेत्रीय सभासदों से भी करवाया जाए।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि कुछ बाहरी लोग सड़क व चौराहों पर खड़े होकर होटल एवं पर्यटक मार्गदर्शक यानी गाइड के रूप में कार्य कर रहे हैं, जिनका सत्यापन भी पुलिस द्वारा कर दिया गया है, जिसकी गम्भीरता जांच का विषय है। ज्ञापन देने वालों में सभासद सपना बिष्ट, मनोज साह जगाती, भगवत रावत, ललिता दफौटी, पूरन बिष्ट, रमेश प्रसाद, सुरेंद्र कुमार व अंकित चन्द्रा शामिल रहे।
(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी
