
कोलकाता, 29 मई (Udaipur Kiran) ।
बनगांव पुलिस थाना उस समय अफरा-तफरी का केंद्र बन गया जब बुधवार रात को एक भीड़ ने वहां धावा बोल दिया। इस भीड़ का मकसद था – उस आरोपित को छुड़ाना, जिस पर चार लोगों को चाकू मारने का आरोप है। दावा है कि हमलावर मुस्लिम है और उसने चाकू लेकर दूसरे समुदाय के चार लोगों को यूं ही मौत के घाट उतारने की कोशिश की। इस पूरे घटनाक्रम में जो बात सबसे ज्यादा चौंकाने वाली रही, वह थी पुलिस की प्रतिक्रिया। पुलिस ने घटना के तुरंत बाद आरोपित को ‘मानसिक रूप से अस्थिर’ करार दे दिया।
इस मामले पर भारतीय जनता पार्टी के नेता अमित मालवीय ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि बंगाल पुलिस के पास अब एक नया तरीका आ गया है — जैसे ही मामला गर्म होता है, आरोपित को ‘मानसिक विक्षिप्त’ बता दिया जाता है। उन्होंने पूछा, अगर आरोपित वास्तव में मानसिक रूप से अस्थिर था, तो फिर भीड़ थाने पर हमला कर उसे छुड़ाने की कोशिश क्यों करती?
मालवीय के अनुसार, यह प्रतिक्रिया न सिर्फ हड़बड़ी में दी गई लगती है, बल्कि इससे यह संदेह भी पैदा होता है कि कहीं पुलिस कोई गहराई से जुड़ा मामला छिपाने की कोशिश तो नहीं कर रही। उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह की प्रवृत्ति बंगाल पुलिस की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
पुलिस ने अब तक भीड़ के हमले को लेकर कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी है। बंगाल पुलिस की ओर से ट्वीट करके वाली इतना बताया गया है कि जिस व्यक्ति ने चाकू से हमला किया वह मानसिक विक्षिप्त है और उसे छुड़ाने के लिए जिस भीड़ ने हमला किया था, उनमें से 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
