RAJASTHAN

कन्हैयालाल हत्याकांड में आरोपी की जमानत के बाद जांच एजेंसी पर उठ रहे सवाल

राजस्थान हाईकोर्ट

जयपुर, 7 सितंबर (Udaipur Kiran) । उदयपुर के चर्चित कन्हैयालाल हत्याकांड के एक आरोपी को जमानत मिलने के बाद अब जांच एजेंसी पर सवाल खड़े हो रहे हैं। कांग्रेस ने आराेप लगाया है कि सरकार की कमजोर पैरवी की वजह से आरोपी को जमानत मिली है। दूसरी तरफ सरकार का तर्क है कि आरोपियों को कठोर सजा के लिए सरकार पैरोकारी करेगी।

आरोपी जावेद को कोर्ट से जमानत मिलने पर गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने कहा कि कन्हैयालाल लाल की हत्या हुई है। सरकार पूरी पत्रावली का विशेष अध्ययन करवाकर पता लगाएगी कि जांच में कहां कमी रह गई है। आरोपियों को कठोर सजा मिले, इसके लिए सरकार पैरोकारी करेगी। जमानत कोर्ट का क्षेत्राधिकार है। इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता। आरोपी को जमानत मिलने पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एनआईए जांच पर सवाल उठाए थे। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने ट्वीट कर कहा था कि सरकार की कमजोर पैरवी की वजह से आरोपी को जमानत मिली है। राजस्थान हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एके जैन इसे एनआईए की गंभीर लापरवाही मानते हैं। वे कहते हैं कि इतने गंभीर मामले में जमानत मिलना बड़ी बात है। कोर्ट ने यह महसूस किया कि जांच एजेंसी ने सबूत इकट्ठा नहीं किया। एनआईए ने विटनेस बहुत सारे रिकॉर्ड कर लिए, लेकिन सबूत इकट्ठे ही नहीं किए। एनआईए को बताना चाहिए था कि आखिर जावेद ने कन्हैयालाल को कहां से कहां तक फॉलो किया। कैसे रियाज को बताया, लेकिन एनआईए ऐसा नहीं कर पाई।

राजस्थान हाई कोर्ट ने आरोपी जावेद को जमानत देते हुए कहा कि एनआईए ने जो टॉवर लोकेशन दी है, उसके मुताबिक 27 जून को सुबह साढ़े नाै से साढ़े दस तक आरोपी रियाज और जावेद धर्मेंद्र साहू की चाय दुकान पर नहीं थे। खुद धर्मेंद्र साहू ने भी दोनों को वहां नहीं देखा था। एनआईए ने कोई सीसीटीवी फुटेज भी पेश नहीं किया, जिससे साफ हो कि दोनों मिले थे। जावेद और कन्हैयालाल की दुकान के बीच में पंद्रह दुकानें आती हैं। एनआईए ने ऐसा कोई सीसीटीवी फुटेज पेश नहीं किया, जिससे पता चले कि जावेद ने हत्या से पहले कन्हैयालाल के दुकान पर होने की जानकारी रियाज को दी थी।

कोर्ट ने यह कहा है कि 19 साल के एक लड़के, जिसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है उसने दो साल हिरासत में बिताए हैं। शुरुआती तौर पर नहीं लगता कि जावेद किसी आतंकी गतिविधि में लिप्त था, जिसके आधार पर उसे हिरासत में रखा जाए। आरोपी जावेद के वकील सैय्यद सादत अली कहते हैं कि इस मामले में जावेद की कोई भूमिका नहीं है। वह एक चूड़ी की दुकान पर सेल्समैन का काम करता है। उसे कई फोन आते हैं, सिर्फ फोन आने से कोई आतंकी नहीं हो जाता।

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(Udaipur Kiran) / रोहित

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