HEADLINES

राशन घोटाले में पूर्व मंत्री की संपत्ति पर सवाल : कोर्ट में ईडी की दलीलें जारी

राशन घोटाले में पूर्व मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक

कोलकाता, 02 जनवरी (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल के पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक उर्फ़ बालू की कथित बेनामी संपत्तियों को लेकर राशन घोटाले का मामला गरमाया हुआ है। गुरुवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कई तीखे सवाल पूछे। कोर्ट ने जानना चाहा कि मल्लिक की संपत्ति को राशन घोटाले से जोड़ने का ईडी के पास क्या प्रमाण है।

ईडी ने कोर्ट में तर्क दिया कि यह संपत्ति राशन घोटाले से अर्जित की गई है और इसके पीछे एक बड़ा घोटाला है, जिसे उन्होंने हिमालय जैसा विशाल बताया।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ईडी से पूछा कि जब इस मामले की शुरुआत नदिया जिले में एक साधारण चोरी की एफआईआर से हुई थी, तो इसे राशन घोटाले का रूप कैसे दिया गया? साथ ही, अदालत ने कहा कि मल्लिक की संपत्तियां किसी अन्य घोटाले की उपज भी हो सकती हैं।

ईडी ने जवाब दिया कि जांच के दौरान उन्होंने राशन डीलरों और सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों का खुलासा किया। ईडी के वकील ने कहा कि छोटे-छोटे राशन में कटौती करके बड़ी रकम बनाई गई, जिसे घोटाले का हिस्सा माना जा रहा है।

मल्लिक के वकीलों ने राशन के नमूनों की जांच रिपोर्ट अदालत में पेश की, जिसमें राशन की गुणवत्ता सही पाई गई। कोर्ट ने सवाल उठाया कि ईडी ने उन सरकारी अधिकारियों से पूछताछ क्यों नहीं की, जिनके नाम जांच में सामने आए हैं? साथ ही, उन उपभोक्ताओं से संपर्क क्यों नहीं किया गया, जो राशन में कटौती का दावा कर रहे थे?

ईडी ने दावा किया कि इस घोटाले में ऊपर से लेकर नीचे तक सबकी मिलीभगत है। उनके मुताबिक, किसी ने शिकायत नहीं की क्योंकि सभी इसमें शामिल थे। ईडी ने कहा कि गंगा के उद्गम गंगोत्री की तरह, उनकी जांच ने घोटाले के हिमालय जैसे आकार को उजागर किया है।

ईडी ने यह भी आरोप लगाया कि राशन में मामूली कटौती होने पर शिकायतें दर्ज नहीं की गईं, और जहां शिकायतें दर्ज हुईं, वहां एफआईआर उन्हें सौंपने में देरी की गई।

अदालत ने ईडी से इस घोटाले के सभी सबूत पेश करने को कहा है। वहीं, ज्योतिप्रिय मल्लिक ने जमानत याचिका दायर की है, जिस पर ईडी ने कड़ा विरोध जताया।

यह मामला अब बंगाल की राजनीति में एक बड़ा मुद्दा बन गया है। राशन घोटाले को लेकर ममता सरकार की छवि पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

Most Popular

To Top