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प्रयागराज, 31 जुलाई (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट में उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के हाल ही में एक बयान को लेकर याचिका दाखिल की गई है। साथ ही उनकी नियुक्ति पर भी सवाल उठाया गया है।
अधिवक्ता मंजेश कुमार यादव की ओर से दाखिल याचिका दायर में कहा गया है कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने संवैधानिक पद पर रहते हुए गत 14 जुलाई को सार्वजनिक तौर पर एक बयान जारी किया। जिसमें उन्होंने कहा कि सरकार से बड़ा पार्टी का संगठन होता है। याचिका में कहा गया है कि उनका यह बयान संवैधानिक पद की गरिमा और सरकार की पारदर्शिता और शुचिता पर सवालिया निशान खड़े करता है। इस बयान का न अब तक भाजपा ने खंडन किया और न ही राज्यपाल और चुनाव आयोग ने ही कोई प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जो गम्भीर मामला है।
अधिवक्ता ने याचिका में केशव प्रसाद मौर्य के आपराधिक इतिहास का भी जिक्र किया है। कहा गया है कि उप मुख्यमंत्री बनने से पहले केशव प्रसाद मौर्य के विरुद्ध सात आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे। इतने मुकदमों के बाद भी केशव प्रसाद मौर्य की संवैधानिक पद पर नियुक्ति की गई है, जो गलत है।
(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे / राजेश
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