
बीकानेर, 28 मई (Udaipur Kiran) । स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के विभिन्न कृषि विज्ञान केन्द्रों, अनुसंधान केंद्रों सहित किसानों की सहभागिता से किए जा रहे बीज उत्पादन की समीक्षा बैठक बुधवार को एनएसपी सभागार में आयोजित हुई। बैठक में बीज उत्पादन के लक्ष्य, प्रगति , आगामी एक्शन प्लान तथा इस संबंध में आ रही विभिन्न समस्याओं के संदर्भ में विस्तार से चर्चा की गई।
विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ अरुण कुमार ने कहा कि गुणवत्तायुक्त बीज उत्पादन से किसानों का विश्विद्यालय के प्रति भरोसा और मजबूत होगा। इसे ध्यान में रखते हुए सभी केवीके तथा एआरएस गंभीरता से काम करें। किसानों के लिए प्री सीजनल खरीफ एडवाइजरी जारी की जाए। कृषि तथा पशुपालन वैज्ञानिक संबंधित विभागों के साथ समन्वय करते हुए किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन दें। केवीके प्रगतिशील किसानों के साथ जुड़ें तथा स्थानीय किसानों को सही समय तथा उचित निर्धारित दर पर बीज मिले यह सुनिश्चित किया जाए।
चंद्र शेखर आजाद यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी के सी पी सचान ने मुख्य वक्ता के रूप में कहा कि प्रगतिशील किसान विश्वविद्यालय के स्टॉक होल्डर हैं । कृषि के लिए उत्तम बीज, मृदा स्वास्थ्य और सिंचाई प्रबंधन प्राथमिक आवश्यकताएं हैं। मात्र 45% किसानों को ही वर्तमान में उत्तम बीज मिल पा रहा है। उत्तम बीज से फसल उत्पादन 25% तक अधिक होता है ऐसे में केवीके और अनुसंधान विंग पैशन के साथ काम करें। जलवायुवीय परिस्थितियों को चुनौतियों के रूप में लें।किसानों को वैकल्पिक फसल की तरफ लेकर जाएं।
वित्त नियंत्रक पवन कस्वां ने कहा कि गुणवत्ता युक्त बीज किसान के अच्छे भविष्य की बुनियाद है। बीज उत्पादन के लक्ष्य प्राप्ति के साथ विश्वविद्यालय की सभी यूनिट अपनी कमियों पर चर्चा कर सीड प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए एक्शन प्लान तैयार करें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के सामाजिक सरोकार सीधे तौर पर किसानों से जुड़े हैं। किसान का एसकेआरएयू में भरोसा मजबूत हों इसके लिए वैज्ञानिक अपना सक्रिय योगदान दें। संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार कैलाश चौधरी ने कहा कि जिले में ग्वार और मोठ उत्पादन की काफी संभावनाएं हैं। आगामी खरीफ फसल बुवाई में आ रही चुनौतियों पर चर्चा करते हुए चौधरी ने कहा कि विकसित कृषि संकल्प अभियान के दौरान किसानों से संवाद कर तकनीक के साथ-साथ इन चुनौतियों के समाधान से जुड़ी जानकारी भी दी जाएगी।
इस दौरान अनुसंधान निदेशक डॉ विजय प्रकाश ने कहा कि सीड प्रोडक्शन में गुणवत्ता के साथ मात्रात्मक बढ़ोतरी की भी आवश्यकता है। उन्होंने किसानों को प्रमाणित बीज का प्रयोग कर खेती करने का आह्वान करते हुए कहा कि कृषि विज्ञान केंद्रों पर उत्पादित बीज का उठाव सुनिश्चित हों इसके लिए समन्वित प्रयास किए जाएं।
प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ नीना सरीन ने कहा कि किसानों तक तकनीक और अच्छा बीज पहुंचने में केवीके की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने गंगानगर केवीके द्वारा उपज बढ़ाने के लिए किए गए प्रयासों के सराहना की और कहा कि किसानों की समस्या का समय पर निदान हों, इसके लिए केवीके नियमित रूप से स्थानीय किसानों के संपर्क में रहें। इससे पहले राष्ट्रीय बीज परियोजना के प्रभारी ए के शर्मा ने विभिन्न कृषि विज्ञान केंद्रों के बीज उत्पादन और लक्ष्य की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की।
गंगानगर के प्रगतिशील किसान तनवीर सिंह , कानासर के भगवाना राम सहित अन्य किसानों ने बीज उत्पादन से जुड़ी विभिन्न समस्याओं से वैज्ञानिकों को अवगत कराया। बैठक में विभिन्न विभागों के निदेशक, कृषि विज्ञान केंद्रों के प्रभारी सहित अन्य अधिकारी और प्रगतिशील किसान उपस्थित रहे। डॉ जे के तिवाड़ी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इससे पहले सभी अधिकारियों ने विभिन्न यूनिट का निरीक्षण किया।
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(Udaipur Kiran) / राजीव
