Uttar Pradesh

यज्ञ के मुख में आहूति डालना, परमात्मा को भोजन कराने जैसा: प्रो.बिहारी लाल शर्मा

महालक्ष्मी यज्ञ में शामिल वेदपाठी: फोटो बच्चा गुप्ता

—चतुर्वेद स्वाहाकार विश्वकल्याण महायज्ञ में महालक्ष्मी यज्ञ शुरू

वाराणसी, 30 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने बुधवार को परिसर स्थित यज्ञशाला में महालक्ष्मी यज्ञ का शुभारम्भ किया। चतुर्वेद स्वाहाकार विश्वकल्याण महायज्ञ के तहत दीपावली महोत्सव के महालक्ष्मी यज्ञ में कुलपति ने आहुति भी डाली। कुलपति प्रो.शर्मा ने कहा कि यज्ञ के मुख में आहूति डालना, परमात्मा को भोजन कराना है। नि:संदेह यज्ञ में देवताओं की आवभगत होती है। यज्ञ का दूसरा नाम अग्नि की आराधना है।

उन्हाेंने कहा कि, यज्ञ से देवताओं को प्रसन्न किया जा सकता है। जिससे मनचाहा फल प्राप्त किया जा सकता है। कुलपति ने कहा कि महालक्ष्मी यज्ञ मनुष्यों को भौतिक सम्पदा और प्रचुरता का आह्वान करने में मदद करता है। देवी महालक्ष्मी भगवान विष्णु (नारायण) की पत्नी हैं और उनकी प्रार्थना करने से भक्तों को धन और समृद्धि मिल सकती है। वित्तीय कठिनाइयों, ऋण और रिश्ते के मुद्दों पर विजय पाने में मदद के लिए कोई भी व्यक्ति इस यज्ञ को कर सकता है। यह यज्ञ या होम देवी लक्ष्मी के सम्मान में किया जाता है, जो एक साथ धन और समृद्धि का प्रतीक है।

महालक्ष्मी महायज्ञ के संयोजक डॉ विजय कुमार ने बताया कि वेद विभाग के यज्ञशाला में बीते 12 मार्च से अनवरत वर्ष पर्यंत चलने वाला चतुर्वेद महायज्ञ का आज 232 वाँ दिन है। इस तरह से निरन्तर चल रहे यज्ञ के बीच में विशेष महापर्व पर विशेष पूजन और यज्ञ किया जाता है। काशी एवं अन्य स्थानों के श्रद्धालु महायज्ञ मे सहभाग के लिए इच्छुक हों तो यजमान के रूप में सहभागी बन सकते हैं। इस दौरान वेद विभागाध्यक्ष प्रो.महेन्द्र पाण्डेय, प्रो. दिनेश कुमार गर्ग, प्रो. सुधाकर मिश्र, प्रो. रमेश प्रसाद, डॉ. मधुसूदन मिश्र, डॉ. दुर्गेश पाठक डॉ. ज्ञानेन्द्र सापकोटा सहित विश्वविद्यालय के छात्र, कर्मचारी भी उपस्थित रहे।

—————

(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

Most Popular

To Top