
-इसके तहत पेंट का अभिनव समाधान किया विकसित
गुवाहाटी, 03 मई (Udaipur Kiran) । रेलवे के बुनियादी ढांचे की एक महत्वपूर्ण प्रगति के क्रम में, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (पूसीरे) ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गुवाहाटी के साथ साझेदारी की है, ताकि रेलवे पुलों पर काई जमने से रोकने के लिए एक अभिनव पेंट तकनीक विकसित किया जा सके। यह अत्याधुनिक समाधान विशेषकर भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र की आर्द्रता और भारी बारिश वाली जलवायु में लंबे समय से चली आ रही रखरखाव संबंधी समस्या का समाधान करेगा।
पूसीरे के सीपीआरओ कपिंजल किशोर शर्मा ने आज बताया है कि इस निरंतर समस्या का स्थायी समाधान पाने के लिए पूसीरे के महाप्रबंधक चेतन कुमार श्रीवास्तव की सलाह पर प्रधान मुख्य अभियंता (पीसीई) संदीप शर्मा के नेतृत्व में पूसीरे की एक टीम ने डॉ. विमल कटियार के नेतृत्व में आईआईटी गुवाहाटी टीम के साथ मिलकर कार्य किया। साथ मिलकर, उनलोगों ने एक विशेष पेंट सिस्टम विकसित किया, जो इस क्षेत्र में आम तौर पर पुलों की सतहों पर जमने वाले काई और बायोफिल्म परतों को बनने से रोकने में कारगर है। ये जैविक वृद्धि न केवल पुलों के दृश्य स्वरूप को खराब करती हैं, बल्कि संक्षारक वातावरण को भी बढ़ावा देती हैं, जिससे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की संरचना को धीरे-धीरे खतरा पैदा होता है।
नव विकसित पेंट में उन्नत रासायनिक सूत्र शामिल हैं, जो सक्रिय रूप से संक्षारण रोकते हैं और काई एवं अन्य जीवों के विकास को रोकते हैं। इसमें एक कार्यात्मक कोटिंग है, जिसमें बाहरी लेमिनेशन सिस्टम है जो स्थायित्व और सुरक्षा को बढ़ाता है। इस नवाचार से रेलवे पुलों के जीवनकाल को बढ़ाते हुए रखरखाव लागत में उल्लेखनीय कमी आने की उम्मीद है, जिससे ट्रेन परिचालन सुरक्षित और अधिक सुदृढ़ हो सकेगा।
यह सहयोगात्मक पहल असल में तकनीकी समस्याओं को हल करने में अकादमिक-उद्योग साझेदारी के शक्तिशाली प्रभाव को दर्शाती है। आईआईटी गुवाहाटी की मैटेरियल साइंस में उत्कृष्टता को एनएफआर की परिचालन विशेषज्ञता के साथ जोड़कर, यह परियोजना चुनौतीपूर्ण वातावरण में बुनियादी संरचना के प्रबंधन के लिए एक नया मानदंड स्थापित करती है। यह पहल न केवल पुल सुरक्षा को बढ़ाती है, बल्कि पूसीरे में रेलवे के बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण में भावी संयुक्त प्रयासों के लिए एक मिसाल भी स्थापित करती है।
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश
