
नैनीताल, 16 मई (Udaipur Kiran) । उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय में राज्य सरकार की ओर से पैरवी करने वाले विधि अधिकारियों की नियुक्ति व उच्चीकरण की प्रक्रिया को लेकर राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। राज्यपाल ने सामान्य अनुदेश, 2016 के अंतर्गत प्रदत्त अधिकारों का उपयोग करते हुए पांच पूर्व आबद्ध अधिवक्ताओं को उच्चीकृत करने और दस नए अधिवक्ताओं को विभिन्न विधि पदों पर आबद्ध करने की स्वीकृति प्रदान की है।
उच्चीकरण की प्रक्रिया के अंतर्गत पुष्पा भट्ट को उप महाधिवक्ता से अपर महाधिवक्ता, बीएस परिहार और विश्वदीपक विसैन को स्थायी अधिवक्ता से अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता, प्रमोद तिवारी को ब्रीफ होल्डर (आपराधिक) से सहायक शासकीय अधिवक्ता तथा एसएस चौधरी को ब्रीफ होल्डर (सिविल) से स्थायी अधिवक्ता के पद पर पदोन्नत किया गया है। उल्लेखनीय है कि पुष्पा भट्ट सांसद अजय भट्ट की पत्नी हैं।
वहीं नव आबद्ध अधिवक्ताओं में राहुल वर्मा को अपर महाधिवक्ता, बास्वानंद मौलेखी को उप महाधिवक्ता, तुमुल नैनवाल, दिनेश चौहान व नंदन सिंह कन्याल को सहायक शासकीय अधिवक्ता, एनके पपनोई को स्थायी अधिवक्ता, विजय खंडूरी व चित्रार्थ कांडपाल को ब्रीफ होल्डर (आपराधिक) तथा चंद्र शेखर जोशी और तरुण मोहन को ब्रीफ होल्डर (सिविल) के रूप में नियुक्त किया गया है। शर्तों के अनुसार ये अधिवक्ता किसी भी न्यायालय में राज्य सरकार के विरुद्ध अन्य पक्ष की ओर से पैरवी नहीं कर सकेंगे और न ही राज्य के विरुद्ध विधिक परामर्श देंगे। इन्हें विधि परामर्शी निदेशिका के प्रावधानों का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा।
(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी
