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गुवाहाटी, 25 अगस्त (Udaipur Kiran) । भारतीय रेल के जीरो स्क्रैप मिशन के अनुरूप पूर्वोत्तर सीमा रेलवे (पूसीरे) ने अपने क्षेत्राधिकार के अधीन सभी यूनिटों को स्क्रैप से मुक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इस मिशन के तहत, स्टेशनों, डिपो, शेड, कारखानों और सेक्शन को स्क्रैप मुक्त रखने के लिए निरंतर निगरानी की जाती है।
पूसीरे के सीपीआरओ कपिंजल किशोर शर्मा ने रविवार को बताया है कि ‘जीरो स्क्रैप मिशन’ के तहत पूसीरे ने पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान 23628 एमटी स्क्रैप रेल/पी-वे सामग्री और 19192 एमटी विविध स्क्रैप सामग्री की ब्रिकी की, जिससे 202.84 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था। इसी अवधि के दौरान बेकार हो चुके रोलिंग स्टॉक अर्थात 26 डीजल इंजन, 247 कोच और 284 वैगन की भी बिक्री हुई। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष के जुलाई, 2024 तक पूसीरे ने 41.58 करोड़ रुपये की स्क्रैप रेल, पी-वे सामग्री, बेकार हो चुके कोच, वैगन और लोकोमोटिव्स की ब्रिकी की हैं, जो पिछले वर्ष के 30.88 करोड़ रुपये के विक्रय मूल्य से 34.65 प्रतिशत अधिक है।
‘जीरो स्क्रैप मिशन’ अभियान ने न सिर्फ भारतीय रेल के लिए राजस्व उत्पन्न किया है, बल्कि स्क्रैप सहित अन्य सामग्री इकट्ठा करने के लिए भी जगह बनाई है। इसने न केवल स्क्रैप बिक्री लक्ष्य को पार करने में मदद की है, बल्कि स्टेशनों, कार्यस्थलों और आसपास के क्षेत्रों के सौंदर्यीकरण को भी बढ़ावा मिला है। इससे रेल परिसर को स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल रखने में भी मदद हुई है।
(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय सक्सेना
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