जयपुर, 8 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने 17 साल 9 माह की नाबालिग के साथ कई दिनों तक दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त मुकेश और विक्रम सिंह को बीस साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने दोनों अभियुक्तों पर 3.5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। पीठासीन अधिकारी केसी अटवासिया ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्तों को कृत्य न केवल पीडिता के प्रति बल्कि पूरे समाज के खिलाफ किया अपराध है। ऐसे में अभियुक्तों के प्रति नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता।
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने अदालत को बताया कि मामले में पीडिता के भाई ने 1 फरवरी 2020 को विराट नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में बताया गया कि उसकी बहन का साल 2005 में विवाह कर दिया था। वहीं बीते 8 माह से अपने पीहर में ही आकर रह रही थी। आज सुबह जब परिजन उठे को पीडिता घर पर नहीं मिली। उसे आसपास और रिश्तेदारों के तलाशा, लेकिन उसका पता नहीं चला। रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्तों को करीब 25 दिन बाद गिरफ्तार कर अदालत में चालान पेश किया। सुनवाई के दौरान पीडिता ने अदालत को बताया कि घटना के कुछ दिनों पहले उसका परिचित कानाराम घर आया था। उस समय वह बिना किवाड के बाथरूम में नहा रही थी और घर पर कोई नहीं था। इस दौरान कानाराम ने उसके साथ दुष्कर्म किया और वीडियो बना लिया। इसके कुछ दिनों बाद कानाराम, विक्रम सिंह के साथ आया और दोनों ने उसके साथ दुष्कर्म किया। पीडिता ने अदालत को बताया कि 31 जनवरी, 2020 की देर रात को विक्रम ने उसे फोन कर बाहर बुलाया और इसके बाद वह और मुकेश उसे बाइक पर बैठाकर गिर्राज जी ले गए। यहां धर्मशाला में दोनों ने उससे दुष्कर्म किया। इसके दो दिन बाद वह उसे जयपुर के पांच्यावाला ले गए। वहां उसे एक कमरे में रखा गया। जब मुकेश बाहर जाता तो विक्रम उससे दुष्कर्म करता और विक्रम के बाहर जाने पर मुकेश उससे रेप करता। ऐसा करीब बीस दिन तक चला और आखिर में पुलिस आकर उन्हें ले गई।
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(Udaipur Kiran)