जयपुर, 24 सितंबर (Udaipur Kiran) । जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त वाजीद खां को बीस साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 2.50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जबकि एक नाबालिग के खिलाफ किशोर न्याय बोर्ड में मामला लंबित चल रहा है। पीठासीन अधिकारी केसी अटवासिया ने अपने आदेश में कहा कि प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि पक्षकारों के बीच सांठगांठ होने के कारण मुख्य परीक्षण के बाद पीडिता अपने बयान से बदल गई और बाद में उसके परिजनों ने भी बयान बदल लिए, लेकिन पीडिता के मुख्य परीक्षण के बयानों और मेडिकल रिपोर्ट से स्पष्ट है कि अभियुक्त ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। इसके अलावा पीडिता की इस संबंध में सहमति भी कोई मायने नहीं रखती है, क्योंकि वह नाबालिग है और नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती।
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने बताया कि 27 मई, 2019 को पीडिता के भाई ने कोटपूतली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में कहा कि उसकी पन्द्रह वर्षीय शाम करीब आठ बजे घर से शौच के लिए कहकर गई थी, लेकिन घर वापस नहीं लौटी। उसे आसपास भी तलाश किया, लेकिन पता नहीं चला। रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया। सुनवाई के दौरान पीडिता ने मुख्य परीक्षण में अदालत को बताया कि उसके खेत के पास वाजिद का पंचर बनाने का खोखा था। घटना की शाम वह शौच के लिए गई थी। इस दौरान वाजिद व एक अन्य उसे बाइक पर बैठाकर वाजिद की दुकान ले गया। जहां वाजिद ने उसके साथ दुष्कर्म किया। वहीं बाद में उसे टो टैक्स के पास एक होटल में ले जाकर भी दुष्कर्म किया। इस दौरान उसे होटल के बाद वाजिद के पिता दिखाई दिए। इस पर उसने उसके पिता के फोन से अपने परिजनों को घटना की जानकारी दी। इसके बाद उसके परिजन पुलिस के साथ वहां आ गए। मुख्य परीक्षण के बाद पीडिता ने अभियोजन पक्ष की जिरह में घटना से इनकार कर दिया। इस पर कोर्ट ने उसे और उसके परिजनों को पक्षद्रोही घोषित कर दिया।
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(Udaipur Kiran)