Haryana

पुंडरी विधानसभा: जहां तीन दशक से जीत रहा निर्दलीय विधायक, राजनीतिक दलाें पर नहीं भराेसा

कांग्रेस उम्मीदवार सुल्तान जड़ौला
भाजपा उम्मीदवार सतपाल जांबा
आजाद उम्मीदवार सतबीर भाणा

नरेश भारद्वाज

कैथल, 24 सितंबर। जिला कैथल की पुंडरी विधानसभा क्षेत्र से पिछले 30 साल से आज तक किसी भी पार्टी का उम्मीदवार जीत हासिल नहीं कर पाया है। जो उनकी पार्टी से टिकट कटने के बाद आजाद उम्मीदवार के तौर पर मैदान में डटे हैं। आजाद उम्मीदवार के जीतने की परंपरा के चलते अब की बार सतबीर भाणा को इलाके की जनता की मदद मिल रही है और उन्हीं की जीत के कयास लगाए जा रहे हैं।

रोड बिरादरी करती है हार जीत का फैसला, जाट और ब्राह्मण उम्मीदवारों की दावेदारी भी पुख्ता

पुंडरी विधानसभा क्षेत्र में रोड समाज का दबदबा रहता है। यहां पर 60 प्रतिशत वोटर रोड बिरादरी से हैं और उसके बाद करीब 17 प्रतिशत वोटर ब्राह्मण समाज से आते हैं। जाट भी यहां पर करीब 7 प्रतिशत हैं और अन्य में ओबीसी एवं एससी वर्ग आता है। इस सीट पर इस बार कुल 6 प्रत्याशी अकेले रोड समाज से हैं। जिनमें पूर्व विधायक रणधीर सिंह गोलन, पूर्व विधायक सुल्तान जड़ौला, सुनीता बतान, नरेश कुमार फरल, प्रमोद चुहड और सतपाल जांबा शामिल हैं। वहीं जाट समाज से सज्जन सिंह ढुल निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में हैं। ब्राह्मण समाज से चुनावी मैदान में नरेश शर्मा, नरेंद्र शर्मा और दिनेश कौशिक हैं। दूसरी जाति के वोटरों की बात करें तो जाट समाज के वोट ढुल को और पंजाबी समाज के वोट गुरींद्र सिंह हाबड़ी को मिल सकते हैं, लेकिन आबादी कम होने के कारण ये ज्यादा बड़ा प्रभाव नहीं डाल पाएंगे। उधर ब्राह्मण समाज से भी तीन उम्मीदवार खड़ें हैं जिसकी वजह से उनके वोट भी आपस में बंट सकते हैं।

पुंडरी में आज तक नहीं जीती भाजपा

हालांकि कांग्रेस ने इस सीट पर चार बार जीत दर्ज की है। इसके साथ ही 1987 में लोकदल के मख्खन सिंह ने भी इस सीट पर जीत दर्ज की थी। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने ही गोलन को टक्कर दी थी। हालांकि इस बार गोलन ने भाजपा से सर्मथन इसी उम्मीद में वापस लिया था कि उन्हें कांग्रेस टिकट देगी। लेकिन कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया, जिसकी वजह से वह निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर ही मैदान में हैं। जिसके कारण इस बार उनकी वापसी मुश्किल लग रही है।

(Udaipur Kiran) / नरेश कुमार भारद्वाज

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