Uttar Pradesh

गोमती नदी में गंदा पानी गिरने की रोकथाम के लिए पम्पिंग स्टेशन आरम्भ 

लखनऊ की गोमती नदी में नाला बहता हुआ

लखनऊ, 12 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश जल निगम के अधिशासी अभियंता अतहर ने कहा कि गोमती नदी में गिरने वाले सीवर के गंदे पानी की रोकथाम के लिए लक्ष्मण मेला मैदान में 42 एमएलडी क्षमता का पम्पिंग स्टेशन आरम्भ कराया गया है।

अधिशासी अभियंता अतहर ने कहा कि पम्पिंग स्टेशन की क्षमता 42 मिलियन लीटर नियमित है। लक्ष्मण मेला मैदान में पम्पिंग स्टेशन के आरम्भ होने से शोधन कार्य होगा। भरवारा में एसटीपी से शोधन कार्य के बाद ही पानी को गोमती नदी में छोड़ा जायेगा। इसके बाद गोमती नदी का जल बेहद स्वच्छ हो जायेगा।

— सीवर के गंदे पानी का शोधन कार्य जरूरी

उन्होंने कहा कि गोमती की स्वच्छता के लिए सिर्फ शोधन ही उपाय है। सीवर के गंदे पानी के लिए शोधन कार्य जरूरी है। लक्ष्मण मेला मैदान में पम्पिंग स्टेशन को प्रतिदिन सीवर का गंदा पानी मिलता है, जिसके बाद शोधन कार्य होने से कुछ एक माह के बाद गोमती के जल में चमक आ जानी सम्भव है।

— लखनऊ में पुरानी सीवर पाइपों से सबसे प्रदूषित जल

जल निगम के सर्वे में सामने आया है कि लखनऊ के चौक, हैदरगढ़, पटनाला जैसे ​इलाकों में पुरानी सीवर पाइपों में बहता हुआ सबसे प्रदूषित जल है। ये गंदा प्रदूषित जल ही गोमती नदी में गिरता है और घाटों के किनारे बदबू और मलबा पैदा करता है। ऐसे गोमती नदी में गिरने वाले सीवर नाले की संख्या 25 से ज्यादा है।

— गोमती नदी में बढ़ते प्रदूषण से मछलियों की प्रजातियां हुई कम

गोमती नदी में चार दशक पूर्व में सबसे ज्यादा मछलियां हुआ करती थीं। पुराने इतिहासकारों की मानें तो नदियों में मिलने वाली सभी 56 प्रकार की प्रजातियों की मछलियां लखनऊ की गोमती में मिलती थीं। वर्ष 2013 के बाद सर्वे में सामने आया कि गोमती नदी में प्रदूषण का स्तर बढ़ा है और इससे मात्र पन्द्रह से बीस प्रजातियां ही बची हैं।

(Udaipur Kiran) / श.चन्द्र

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