नैनीताल, 30 जुलाई (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड हाई कोर्ट ने गढ़वाल मंडल के तत्कालीन अपर निदेशक और वर्तमान में निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) महाबीर सिंह बिष्ट के खिलाफ कानूनी कार्यवाही न किये जाने के मामले में दायर एक जनहित याचिका निस्तारित कर दी।
मंगलवार काे इस मामले में मुख्य न्यायधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की बेंच में सुनवाई हुई। सुनवाई के
दाैरान राज्य सरकार ने काेर्ट काे बताया कि सरकार ने महावीर के खिलाफ एक्शन ले लिया गया है। इसे आधार मानते हुए हाई कोर्ट ने जनहित याचिका निस्तारित कर दी।
पिछली सुनवाई के दाैरान राज्य सरकार ने काेर्ट में कहा था कि इस मामले में सरकार 10 दिन के भीतर अपना निर्णय ले लेगी। जिस पर बेंच ने राज्य सरकार से 10 दिन के भीतर की गई कार्यवाही पर शपथ पत्र पेश करने को कहा था। उक्त आदेश का पालन करते हुए मंगलवार काे राज्य सरकार ने अपनी रिपोर्ट पेश की थी।
उल्लेखानीय है कि देहरादून निवासी बेरोजगार संगठन के अध्यक्ष बॉबी पवार ने हाई काेर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर कहा था कि गढ़वाल मंडल के अपर निदेशक पद पर रहते हुए महाबीर सिंह बिष्ट पर गंभीर आरोप हैं। विभागीय जांच में उन पर लगे आरोपों की पुष्टि हुई है, लेकिन शासन ने अभी तक महाबीर सिंह बिष्ट के खिलाफ कोई विभागीय कार्यवाही नहीं की है। यही नहीं आरोपित को सरकार ने निदेशक माध्यमिक शिक्षा के पद का इंचार्ज बना दिया गया।
याचिकाकर्ता का कहना है कि गढ़वाल मंडल के अपर निदेशक पद पर रहते हुए अपने पद का दुरप्रयोग किया। बिष्ट पर आरोप है कि उनके द्वारा बीते वर्ष की सहायक अध्यापको स्थानांतरण सूची में छेड़छाड़ करने, अपने नजदीकी रिश्तेदार की नियुक्ति प्रक्रिया और बिना विधि की डिग्री पाए व्यक्ति को विधि अधिकारी नियुक्ति करने में अनियमितता की गयी है। जनहित याचिका में आरोपित के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गयी थी।
(Udaipur Kiran) / लता कुमार सक्सैना