Madhya Pradesh

मप्र में पोषण पखवाड़ा के माध्‍यम से कुपोषण की रोकथाम के लिए हो रही जनजागरूकता गतिविधियां

मप्र में कुपोषण की रोकथाम के लिए हो रही जनजागरूकता गतिविधियां
मप्र में कुपोषण की रोकथाम के लिए हो रही जनजागरूकता गतिविधियां

भोपाल, 12 अप्रैल (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश में 8 से 22 अप्रैल 2025 तक सातवां पोषण पखवाड़ा पूरे जोश और जागरूकता के साथ मनाया जा रहा है। हर वर्ष की तरह इस बार भी राज्य में विभिन्न जनजागरूकता गतिविधियों के माध्यम से कुपोषण की रोकथाम और संतुलित जीवनशैली को बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है।

जनसंपर्क अधिकारी बिन्दु सुनील ने शनिवार को बताया कि केंद्र सरकार के इस महत्वपूर्ण अभियान का उद्देश्य आमजन, महिलाओं और बच्चों को पोषण के महत्व को समझाकर एक स्वस्थ समाज की नींव रखना है। पोषण पखवाड़ा 2025 में प्रमुखता से 4 विषयों जीवन के पहले 1000 स्वर्णिम दिवसों का महत्व, पोषण ट्रैकर ऐप के हितग्राही मॉड्यूल की जानकारी और उपयोगिता, सीएमएएम प्रोटोकॉल से गंभीर कुपोषित बच्चों का प्रबंधन और 6 वर्ष से कम बच्चों को मोटापे से बचाने पर फोकस किया जा रहा है।

स्वर्णिम 1000 दिवस – जीवन की मजबूत नींव

गर्भावस्था से लेकर जन्म के बाद पहले दो वर्षों तक के 1000 स्वर्णिम दिवस बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए बेहद अहम होते हैं। इस दौरान उनके जीवनकाल का 85 प्रतिशत बौद्धिक विकास हो जाता है। पोषण पखवाड़ा में इस अवधि के दौरान पोषण और देखभाल पर विशेष बल देते हुए माताओं को संतुलित आहार और स्तनपान के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

पोषण ट्रैकर ऐप – पोषण की डिजिटल निगरानी

पोषण ट्रेकर ऐप ‘poshantracker.in’ के माध्यम से घर बैठे ही पोषण स्तर की निगरानी करना अब संभव है। यह ऐप आंगनवाड़ी सेवाओं का डिजिटलीकरण करने के साथ हितग्राहियों को भी बच्चों और माताओं के पोषण पर नज़र रखने में सक्षम बनाता है। भारत सरकार द्वारा पोषण ट्रेकर ऐप के अंतर्गत हितग्राही मॉड्यूल विकसित किया गया है। इसमें हितग्राही अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर से लॉग-इन बच्चों के पोषण स्तर के विकास की निगरानी के साथ उन्हें केन्द्र से मिलने वाले पोषण आहार की निगरानी घर बैठे कर सकते हैं।

सीएमएएम रणनीति से कुपोषण पर नियंत्रण

प्रदेश में कम्युनिटी मैनेजमेंट ऑफ एक्यूट मॉलन्यूट्रिशन (सीएमएएम) यानी गंभीर कुपोषण का समुदाय स्तर पर प्रबंधन मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्धन कार्यक्रम के तहत वर्ष-2020 से प्रारंभ हुआ। पोषण पखवाडा़ में अति गंभीर कुपोषित (एसएएम), अति कम वजन (एसयूडब्‍ल्‍यू) एवं मध्यम गंभीर कुपोषित (एमएएम) बच्चों का चिन्हांकन कर उनकी स्वास्थ्य जाँच तथा अति गंभीर कुपोषित (एसएएम) बच्चों की भूख की जाँच कर आवश्यकतानुसार उपचार एवं सामुदायिक स्तर पर परिवार के सहयोग से पोषण प्रबंधन किया जा रहा है।

बचपन में मोटापे से सतर्कता

नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस) रिपोर्ट के अनुसार बच्चों में मोटापे की दर में वृद्धि चिंताजनक है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा बच्चों को जंक फूड से दूर रखने और पौष्टिक भोजन को बढ़ावा देने की नीति अपनाई गई है। पोषण पखवाड़ा में बच्चों को पौष्टिक खाना खिलाना और स्कूलों में पौष्टिक भोजन के बढ़ावा देने के लिये पोषण ट्रेकर के माध्यम से मोटापे के जोखिम वाले बच्चों की पहचान कर उनके अभिभावकों को पोषण परामर्श दिया जा रहा है।

प्रदेशभर में जागरूकता की लहर

आंगनवाड़ी केंद्रों पर थीम आधारित गतिविधियों, योग सत्र, खेलकूद, पोषण रैली, साइकिल रैली, एनीमिया जागरूकता शिविर, लंच बॉक्स प्रतियोगिता और समूह चर्चाओं का आयोजन हो रहा है। पोषण ट्रैकर में रजिस्ट्रेशन को प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि माताओं और बच्चों के पोषण स्तर की निगरानी और समस्याओं का समय पर निदान सुनिश्चित किया जा सके।

(Udaipur Kiran) / उम्मेद सिंह रावत

Most Popular

To Top