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जम्मू, 3 दिसंबर (Udaipur Kiran) । भारतीय सेना ने पीर पंजाल रेंज के दक्षिण में चुनौतीपूर्ण इलाकों में चिकित्सा गश्त करके गुज्जर और बकरवाल समुदायों के उत्थान के लिए एक परिवर्तनकारी पहल शुरू की है। मौसमी प्रवास के लिए जानी जाने वाली ये खानाबदोश जनजातियाँ अक्सर अपनी यात्राओं के दौरान बुनियादी स्वास्थ्य सेवा तक पहुँचने में गंभीर चुनौतियों का सामना करती हैं।
इस ज़रूरत को पूरा करने के लिए सेना की चिकित्सा गश्ती जाँच, टीकाकरण और आवश्यक दवाओं के वितरण सहित महत्वपूर्ण सेवाएँ प्रदान करती हैं। बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं जैसे कमज़ोर समूहों पर विशेष ध्यान दिया जाता है। जिन क्षेत्रों में सरकारी स्वास्थ्य बुनियादी ढाँचा कम या न के बराबर है वहाँ ये प्रयास न केवल तत्काल देखभाल प्रदान करते हैं बल्कि सहायता की जीवन रेखा भी प्रदान करते हैं।
इस पहल का दोहरा महत्व है। यह हाशिए पर पड़े समुदायों के बीच सुरक्षा और अपनेपन की भावना को बढ़ावा देते हुए तत्काल स्वास्थ्य सेवा मुद्दों को संबोधित करती है। आवश्यक सेवाओं तक पहुँच सुनिश्चित करके सेना डेरा प्रवास को रोकने में भी मदद कर रही है। स्वास्थ्य सेवा से परे ये गश्त सेना और स्थानीय आबादी के बीच एक सेतु का काम करती हैं जिससे विश्वास और सहयोग बढ़ता है। राजौरी और पुंछ जैसे क्षेत्रों में यह संबंध-निर्माण विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जिन्हें ऐतिहासिक रूप से उग्रवाद और सामाजिक-आर्थिक अलगाव से संबंधित चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
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