शिमला, 16 दिसंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में गेस्ट टीचर भर्ती पॉलिसी के विरोध में साेमवार काे शिक्षित बेरोजगार सड़कों पर उतर आए हैं। शिमला के डीसी ऑफिस के बाहर सैंकड़ों बेरोजगार युवाओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए गेस्ट टीचर पॉलिसी को वापस लेने की मांग की। उनका आरोप है कि सरकार ने एक लाख नौकरियों का वादा किया था, लेकिन अब तक उस वादे को पूरा नहीं किया गया है। बेरोजगार युवाओं ने यह भी आरोप लगाया कि गेस्ट टीचर भर्ती के जरिए सरकार युवाओं के साथ धोखा कर रही है।
प्रशिक्षित बेरोजगारों का कहना है कि सरकार ने रोजगार के एक लाख अवसर देने का वादा किया था। लेकिन अब तक सिर्फ 257 युवाओं को ही सरकारी नौकरी मिल पाई हैं। युवाओं ने गेस्ट टीचर पॉलिसी को लेकर अपनी नाराजगी जताई और कहा कि सरकार ने पीरियड बेस पर मानदेय देने का जो प्रस्ताव रखा है, वह पूरी तरह से बेरोजगार युवाओं के हित में नहीं है। उनका कहना है कि यह नीति युवाओं के साथ खिलवाड़ करने जैसी है, क्योंकि इसमें किसी की स्थायी नौकरी का कोई वादा नहीं है।
युवाओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार इस नीति को वापस नहीं लेती है तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे। बेरोजगारों ने यह भी बताया कि वे शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव करेंगे। अगर सरकार ने फिर भी इस नीति पर कोई कदम नहीं उठाया, तो वे सचिवालय के बाहर फिर से एकत्र होकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
दरअसल 12 दिसंबर को हुई कैबिनेट बैठक में गेस्ट टीचर भर्ती पॉलिसी को मंजूरी दी गई थी। इस पॉलिसी के तहत शिक्षकों को पीरियड बेस पर मानदेय दिया जाएगा, जो बेरोजगार युवाओं को बेहद अन्यायपूर्ण लगता है। उनका कहना है कि इस पॉलिसी के तहत कोई स्थायी नौकरी नहीं मिलने वाली और यह केवल उनकी मेहनत और उम्मीदों का मजाक उड़ा रही है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
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