
कानपुर, 29 मई (Udaipur Kiran) । देश में कृषि आधारित अर्थव्यवस्था सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर बल देते हुए सीएसए के कुलपति ने कहा कि औद्यानिक फैसले विशेष कर सब्जियों की संरक्षित खेती कर किसानों की आय में बढ़ोत्तरी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि कृषि भूमि का क्षेत्रफल निरंतर घट रहा है तथा मिट्टी का गिरता स्वास्थ्य भी चिंता का विषय है। इसलिए संरक्षित खेती को अपनाने की आवश्यकता है।
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के शाकभाजी अनुभाग द्वारा संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (यूनिडो) जापान के साथ प्रायोजित तीन दिवसीय व्यावसायिक प्रशिक्षण का समापन गुरूवार काे हुआ। समारोह की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आनंद कुमार सिंह ने बताया कि सब्जियों की संरक्षित खेती में नवीन प्रजातियां एवं उपलब्ध सफल तकनीकों का समावेश कर 10 गुना तक अधिक पैदावार की जा सकती है। हाइड्रोपोनिक्स प्रणाली की जापानी तकनीक आईमेक फिल्म फार्मिंग पर चर्चा करते हुए बताया कि इसमें पानी एवं उर्वरकों के न्यूनतम प्रयोग करते हुए बिना किसी कृषि रक्षा रसायनों के उच्च गुणवत्ता युक्त चेरी टमाटर का सफल उत्पादन किया जा सकता है। उन्होंने आईमेक फिल्म फार्मिंग तकनीक के लिए जापानj सरकार एवं यूनिडो का आभार प्रकट किया।
यूनिडो की राष्ट्रीय परियोजना समन्वयक, नई दिल्ली रेखा जैन ने बताया कि कृषि क्षेत्र में महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने के लिए उनका कौशल विकास करना ही प्रशिक्षण का उद्देश्य है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के पाठ्यक्रम निदेशक डॉ पी के सिंह ने बताया कि आईमेक फिल्म फार्मिंग को अपनाकर समय से पूर्व खेती कर अधिक विपणन मूल्य प्राप्त किया जा सकता है।
पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ राजीव ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में देश के विभिन्न शोध संस्थानों के वैज्ञानिकों ने 11 व्याख्यानों के साथ-साथ चार प्रयोगात्मक अभ्यास भी कराये गये। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन प्रभारी शाकभाजी अनुभाग डॉ केशव आर्य द्वारा प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न जनपदों से प्रगतिशील किसानों, युवा उद्यमियों तथा शोध छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया गया।
(Udaipur Kiran) / मो0 महमूद
