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शिमला में आपदा राहत कार्यों के लिए सरकार को भेजे जाएंगे 100 करोड़ के प्रस्ताव :  उपायुक्त अनुपम कश्यप

उपायुक्त बैठक की अध्यक्षता करते हुए

शिमला, 26 मई (Udaipur Kiran) । जिला उपायुक्त अनुपम कश्यप ने सोमवार को राज्य आपदा प्रति:क्रिया निधि के तहत प्रस्तावित कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए लगभग 100 करोड़ रुपए के तीन प्रस्ताव राज्य आपदा प्रतिक्रिया निधि के माध्यम से पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए।

अनुपम कश्यप ने कहा कि आपदा से निपटने के लिए जिला प्रशासन द्वारा हर संभव प्रयास किया जाता है। राज्य आपदा प्रतिक्रिया निधि का इस्तेमाल उन स्थानों पर होता है जहां पर आपदा का अधिक प्रभाव पड़ता है। इस सन्दर्भ में प्रस्ताव तैयार कर लिए गए है और पोर्टल पर अपलोड भी कर दिए गए हैं। अब इन्हें सरकार को मंजूरी के लिए भेजा जा रहा है। इसके बाद ही आगामी प्रक्रिया आरंभ हो पाएगी।

पहले प्रस्ताव के अंतर्गत शहर के भीतर नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में आने वाले नालों के चैनलाईजेशन के लिए 85 करोड़ रूपए व्यय किए जाएंगे। उपायुक्त ने कहा कि इस बारे में नगर निगम सारी औपचारिकताएं पूरी करके पोर्टल पर आवेदन करें ताकि कम से कम समय में सारी प्रक्रिया पूरी हो सके। शिमला शहर में बरसात के दिनों में नालों में पानी के तेज बहाव के कारण लोगों के लिए कई चुनौतियां पैदा करता है। ऐसे में इन नालों की चैनलाइजेशन बेहद आवश्यक है। इन उपायों से आपदा की घटनाओं में काफी हद तक कमी आएगी। नालों के चैनलाइजेशन का कार्य नगर निगम शिमला द्वारा किया जायेगा।

दूसरा प्रस्ताव 9 करोड़ 83 लाख रूपए की लागत से लक्कड़ बाजार और रिज मैदान के बीच में सिंकिंग जोन की मरम्मत का है। इस प्राजेक्ट के तहत रिज मैदान पर खड़े होने वाले घोड़ों के लिए भी अलग से व्यवस्था की जाएगी जोकि रिज मैदान के साथ सटे स्थान पर होगी। वहीं एक रेन शेल्टर भी बनाया जाएगा। सभी घोड़े रिज पर खड़े नहीं दिखेंगे। इनके लिए रिज से एक मंजिल नीचे व्यवस्था करने का प्रावधान है । उक्त क्षेत्र पिछले कई सालों से धंस रहा है। ऐसे में अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से मरम्मत कार्य किया जाएगा और दुकानें भी यहां पर बनाई जाएगी, जिससे पर्यटकों के लिए भी बेहतर सुविधाएं मुहैया हो पाएंगी। ये कार्य लोक निर्माण विभाग की द्वारा किया जाएगा।

इसके साथ ही राज्य के 32 शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 12 करोड़ रुपए की विशेष योजना के प्रस्ताव तैयार किये गए हैं, जिसमें शिमला के रामपुर, नेरवा, कुफरी और चिड़गांव क्षेत्र शामिल है। इस योजना के तहत मौजूदा भूमि व भवनों की स्थिति का अध्ययन और भविष्य में विकासात्मक कार्यों की योजना पर रिपोर्ट बनाई जाएगी।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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