Uttar Pradesh

जीडीए में एक ही क्लिक में सम्पत्ति सम्बन्धी जानकारी मिल सकेगी

प्रस्तुतिकरण

जीडीए में प्राॅपर्टी मेनेजमेंट सिस्टम लागू करने को लेकर एचडीएफसी बैंक के कम्प्यूटर केंद्र ने दिया प्रस्तुतिकरण

गाजियाबाद, 21 दिसंबर (Udaipur Kiran) । गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए)की सम्पत्तियों की बिक्री, खरीद, नाम दर्ज और अन्य संबंधित मामलों को आसान बनाने तथा एक क्लिक में सम्पत्ति से संबंधित समस्त जानकारी एवं क्रय/विक्रय, नाम दर्ज आदि की कार्यवाही, जनहित में उपलब्ध कराने के लिए प्राॅपर्टी मेनेजमेंट सिस्टम ‘‘पीएमएस‘‘ की व्यवस्था लागू किये जाने के लिए शनिवार को एचडीएफसी बैंक द्वारा नामित कम्प्यूटर केन्द्र, आगरा ने प्रेजेंटेशन (प्रस्तुतीकरण) दिया।

टीम का नेतृत्व जी पीअग्रवाल ने किया। इस दौरान जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स, अपर सचिव पीके सिंह, विशेषधिकारी गुंजा सिंह,कनिका कौशिक तथा के साथ प्राधिकरण की टैक्निकल टीम एवं संबंधित स्टाफ उपस्थित रहा। प्रस्तुतीकरण में प्रोपर्टी मेनेजमेंट सिस्टम के अन्तर्गत विभिन्न घटकों यथा – सर्वर, बेव एप्लिकेशन, यूजर एक्सेपटेंस टेस्ट, ई-लॉटरी मेनेजमेंट सिस्टम, रजिस्ट्रेशन फार्म का प्रारूप, बैंक डिटेल्स डॉक्यूमेंटेशन, पेमेंट सिस्टम, चालान मैनेजमेंट सिस्टम, वित्तीय डेसबोर्ड इत्यादि का विस्तृत विवरण दिया गया। प्राॅपर्टी मॉनिटरिंग सिस्टम के तहत पहले फेस में नई सम्पत्तियों की क्रय-विक्रय, नाम दर्ज, नोड्यूज आदि को समाहित किया जायेगा।

दूसरे फेस में लीगेसी डाटा को केभी सिस्टम पर अपडेड किया जायेगा। क्लाउड कम्प्यूटिंग एक ब्लॉक चैन प्रबंधन है, इसी का उपयोग करते हुये प्राॅपर्टी मेनेजमेंट सिस्टम से प्रत्येक प्राॅपर्टी का एक यूनिक आईडी होगा जोकि लॉगिन आईडी के रूप में कार्य करेगा, जिसका पासवर्ड सम्पत्ति धारक (आवंटी) के पास होगा। प्राधिकरण की बेवसाईट पर लॉगिन कर सम्पत्ति धारक उस प्रोपर्टी की समस्त जानकारी जैसे मूल आबंटी सहित समस्त क्रेताओं का विवरण, भुगतान का विवरण, रजिस्ट्री, कब्जे का दिनांक, बकाया आदि प्राप्त कर सकेगा। इसके लिये प्राधिकरण में व्यक्तिगत रूप से नहीं आना पड़ेगा। महत्वपूर्ण बिन्दु यह भी है कि ऑटो रिशिड्यूलिंग जोकि ऑफलाईन माध्यम में एक जटिल और अत्यधिक समय लगने वाली प्रक्रिया है, इसको आसान बनाते हुये ऑटोमेटिक माध्यम से पेमेंट शिड्यूल तय हो सकेगा। इसके अतिरिक्त पारदर्शिता एवं सुगमतापूर्वक जानकारी के साथ-साथ धोखाधड़ी से बचाव भी आबंटी/सम्पत्ति धारक को प्राप्त होगा। प्राधिकरण को सभी सम्पत्तियों का विवरण आसान एवं समयबद्ध तरीके के बिना किसी ह्यूमन इंटरफेरेंस के सम्बन्धित अधिकारी को प्राप्त हो सकेगा जिसमें सम्पत्तियों का निस्तारण, भुगतान से प्राप्त धनराशि, रिशिड्यूलिंग ऑफ पेमेंट, नोड्यूज, अनिस्तारित सम्पत्ति व अन्य समस्त रिकॉर्ड की निगरानी आसानी से ऑनलाईन माध्यम से की जा सकेगी।

उपाध्यक्ष ने निर्देशित किया कि यह व्यवस्था आगामी बोर्ड बैठक तक अंतिम रूप देते हुये अध्यक्ष , गाजियाबाद विकास प्राधिकरण से शुभारंभ कराया जाये।

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(Udaipur Kiran) / फरमान अली

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