शिमला, 4 अगस्त (Udaipur Kiran) । राज्यसभा सांसद डॉ. सिकंदर कुमार ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में वस्त्र क्षेत्र को बढ़ावा देकर रोजगार व स्वरोजगार के अवसर सृजित किए जा सकते हैं। इससे न केवल स्थानीय परिधानों व उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा बल्कि लोकल फॉर वोकल के विचार के साथ हम आत्मनिर्भता की ओर भी बढ़ेंगे। डॉ. सिकंदर कुमार ने प्रदेश में वस्त्र उद्योग को तवज्जो देने का मामला राज्यसभा में उठाया।
उन्होंने संसद के सत्र में भाग लेते हुए केन्द्रीय वस्त्र मंत्री से वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान हिमाचल प्रदेश में क्रियाशील परिधान विनिर्माण केन्द्रों का ब्योरा पूछा, साथ ही वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान सृजित रोजगार तथा हिमाचल प्रदेश में वस्त्र विनिर्माण और इसके निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा क्या कदम उठाए जा रहे हैं, इसकी भी जानकारी मांगी।
केन्द्रीय वस्त्र राज्य मंत्री ने पवित्र मार्घेरिटा ने सवाल के जवाब में बताया कि बद्दी, कुल्लू और काला अम्ब आदि सहित हिमाचल प्रदेश में गारमेंटिग, हैंडलूम और अन्य के लिए प्रमुख वस्त्र केन्द्र हैं। उन्होनें आगे बताया कि भारत सरकार हिमाचल प्रदेश सहित पूरे देश में विभिन्न योजनाएं पहले क्रियान्वित कर रही है जिनका उदेश्य वस्त्र विनिर्माण और इसके निर्यात को बढ़ावा देना तथा रोजगार के अवसर सृजित करना है। उन्होनें कहा कि प्रमुख योजनाओं में पीएम मेगा एकीकृत वस्त्र क्षेत्र और अपैरल (पीएम मित्र) पार्क योजना, एमएमएफ फैब्रिक, एमएमएफ अपैरल और तकनीकि वस्त्रों पर केंद्रित उत्पादन सम्बद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना, अनुसंधान, नवप्रवर्तन एवं विकास, संवर्धन और बाजार विकास पर ध्यान केन्द्रित करने वाला राष्ट्रीय तकनीकि वस्त्र मिशन (एनटीटीएम), समर्थ मांग आधारित प्लेसमैंट उन्मुख, कौशल कार्यक्रम प्रदान करने के उदेश्य से वस्त्र क्षेत्र में क्षमता निर्माण के लिए योजना, रेशम उत्पादन मूल्य श्रंखला के व्यापक विकास के लिए सिल्क समग्र-2, हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्रों के लिए एंड टू एंड सहायता प्रदान करने हेतु राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम और राष्ट्रीय हस्तशिल्प विकास कार्यक्रम, एकीकृृत ऊन विकास कार्यक्रम आदि शामिल हैं।
(Udaipur Kiran)
(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा शुक्ला