जयपुर, 11 जनवरी (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने टोंक के मालपुरा में 72 साल पहले भूमि की किस्म बदलकर उसे तलाई घोषित करने के मामले में तृतीय पक्ष के अधिकार सृजित करने पर रोक लगा दी है। जस्टिस अवनीश झिंगन की एकलपीठ ने यह आदेश मोहम्मद हुसैन शाह की याचिका पर दिए।
याचिका में अधिवक्ता रघुनंदन शर्मा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता की पैतृक भूमि मालपुरा में स्थित है। साल 1995 में सेटलमेंट अधिकारी ने इस जमीन की किस्म बदलकर तलाई की जमीन के तौर पर राजस्व रिकॉर्ड में चढा दी। इस पर याचिकाकर्ता ने मालपुरा एसडीओ के समक्ष दावा किया था। जिसे एसडीओ ने साल 2008 में खारिज कर दिया। याचिकाकर्ता की अपील पर राजस्व अपील अधिकारी ने एसडीओ के आदेश के निरस्त कर याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला दिया। वहीं बाद में मालपुरा तहसीलदार ने आरएए के आदेश के खिलाफ राजस्व मंडल में अपील दायर की। जिस पर सुनवाई करते हुए मंडल ने आरएए के आदेश को निरस्त कर एसडीओ के आदेश को सही माना। इससे व्यथित होकर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि उसके पूर्वजों की जमीन को गलत तरीके से राजस्व रिकॉर्ड में चढ़ाया गया है, जबकि पूर्व में वह उसके पूर्वजों के नाम पर दर्ज थी। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने आदेश दिए हैं कि भूमि पर किसी तृतीय पक्ष के अधिकार सृजित नहीं किए जाए।
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(Udaipur Kiran)