
-कोर्ट ने कहा, अर्जी कानूनी प्रक्रिया का दुरूपयोग, विश्वविद्यालय की अर्जी खारिज
प्रयागराज, 28 मई (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने छात्रा से छेड़खानी के आरोप में प्रोफेसर शैल कुमार चौबे की अनिवार्य सेवानिवृत्ति आदेश रद्द होने के बाद सेवा बहाली के लिए अतिरिक्त समय मांगने की काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी की अर्जी खारिज कर दी है।
कोर्ट ने कहा कि खंडपीठ ने एकलपीठ के फैसले पर हस्तक्षेप नहीं किया, केवल विश्वविद्यालय को नये सिरे से नियमानुसार कार्यवाही करने की छूट दी है। तो प्रोफेसर को बहाल करने के लिए समय मांगने की अर्जी कानूनी प्रक्रिया का दुरूपयोग है। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र तथा न्यायमूर्ति पी के गिरी की खंडपीठ ने बीएचयू वाराणसी व चार अन्य की विशेष अपील में दाखिल अर्जी पर दिया है।
मालूम हो कि प्रोफेसर चौबे को एक छात्रा के साथ छेड़खानी के आरोप में कार्यकारिणी परिषद द्वारा अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई। जिसकी वैधता को चुनौती दी गई। एकलपीठ ने याची की सेवानिवृत्ति आदेश को रद्द करते हुए बहाल कर वेतन भुगतान का आदेश दिया।जिसके खिलाफ विश्वविद्यालय ने अपील दायर की। खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश को बरकरार रखते हुए विश्वविद्यालय को नियमानुसार नये सिरे से कार्यवाही की छूट दी। इसके बाद भी याची विपक्षी प्रोफेसर को बहाल नहीं किया गया और समय मांगा गया था।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
