Uttrakhand

कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पर छात्रा से विवाहेतर संबंध रखने और पत्नी को प्रताड़ित कर घर से निकालने का आरोप

नैनीताल, 14 मई (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड के नैनीताल जनपद मुख्यालय में रहने वाली एक 59 वर्षीय महिला ने कुमाऊं विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत अपने पति पर वर्षों से मानसिक एवं शारीरिक उत्पीड़न करने, अपनी एक छात्रा से अवैध विवाहेतर संबंध रखने और वृद्ध सास की देखभाल की जिम्मेदारी अकेले उन पर डालकर त्यागने का आरोप लगाते हुए न्याय की मांग की है। उनकी शिकायत पर मल्लीताल कोतवाली पुलिस ने आरोपित प्रोफेसर के विरुद्ध अभियोग दर्ज कर लिया है।

पुलिस व संबंधितों से प्राप्त जानकारी के अनुसार महिला ने पुलिस को दी गई लिखित शिकायत में कहा है कि उनका परिवार 1997 से नैनीताल में रह रहा है। पीड़िता के अनुसार विवाह के बाद से ही उन्होंने पारिवारिक शांति हेतु कई बार समझौते किये और अपने उज्ज्वल शैक्षणिक भविष्य का त्याग कर गृहस्थ जीवन को प्राथमिकता दी, किंतु पीड़िता का आरोप है कि 10 जुलाई 2022 को पति ने उन्हें पारिवारिक आपातकाल का बहाना बनाकर लखनऊ भेज दिया, यह वादा कर कि वह बाद में नैनीताल ले आयेंगे, लेकिन वहां उनके साथ दुर्व्यवहार शुरू हुआ। फोन पर गालियां दी जाने लगीं और उन्हें तथा उनकी पुत्री को जीवन से बाहर कर देने की बातें की गईं। इसके बाद उन्होंने फोन और व्हाट्सएप आदि पर संपर्क पूरी तरह बंद कर दिया और हर माध्यम से उन्हें अवरुद्ध भी कर दिया।

पीड़िता ने कहा है कि वह अपने विवाह को बचाने के लिये 10 अगस्त 2023 को लगभग एक वर्ष के बाद नैनीताल लौटी तो यहां आकर पता चला कि पति का छात्रा से अवैध संबंध चल रहा है, और वह उसके साथ फील्ड विजिट और विदेश यात्राओं पर जा रहे हैं और छात्रा समय-समय पर उनके घर में भी रह चुकी है। पीड़िता ने जब इस बारे में पति से बात की और उन्होंने पीड़िता पर शारीरिक हमला किया, थूका और थप्पड़ व घूंसे मारे। वह हिंसा का प्रयोग कर प्रेमिका के साथ खुलकर रहने के लिये पत्नी को घर से निकलने के लिये मजबूर करने लगे। पति के अत्याचार व हिंसा से बचने के लिये पीड़िता पुनः लखनऊ चली गयी और 23 जून 2024 को वापस सुलह के लिये नैनीताल लौटी तो पति अपनी प्रेमिका छात्रा के साथ शयन कक्ष में मिले। इस पर पत्नी को 3 दिन बाद ही यहां से भागने को मजबूर होना पड़ा। इस बीच प्रेमिका के साथ दक्षिण कोरिया की विदेश यात्रा पर भी गए। इधर पुनः वह 19 नवंबर 2024 को नैनीताल लौटी तो आरोपित प्रोफेसर पत्नी से हर तरह से संपर्क तोड़कर व छोड़कर चले गये। पीड़िता ने अपनी शिकायत में पति द्वारा उन्हें अकेली वृद्ध सास की देखभाल हेतु छोड़ने और किसी प्रकार की आर्थिक अथवा मानसिक सहायता न देने की बात भी कही है।

उन्होंने इस गंभीर पारिवारिक उत्पीड़न और विवाहेतर संबंधों के चलते न्याय की गुहार लगाई है। इस संबंध में उन्होंने संबंधित विभागीय एवं प्रशासनिक अधिकारियों से भी उचित कार्यवाही की मांग की है। कोतवाल हेम चंद्र पंत ने बताया कि पीडिता की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 504 व 498-ए के तहत अभियोग दर्ज कर लिया है।

प्रोफेसर की शादी को हुए 36 वर्ष-35 वर्ष की है बेटी, 10-12 वर्षों से छात्रा से संबंध

नैनीताल। वह अपनी 87 वर्षीय सास के साथ कुमाऊं विश्वविद्यालय के स्लीपी हॉलो परिसर में निवास कर रही हैं और उन्हीं की देखभाल कर रही हैं। उन्होंने बताया कि उनका विवाह 18 जनवरी 1989 को आरोपित प्रोफेसर के साथ हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार हुआ था। इस विवाह से उनकी 35 वर्षीय पुत्री भी है। पीड़िता के अनुसार बीते 10-12 वर्षों से उनके पति का अपने ही विभाग की एक पूर्व छात्रा के साथ अवैध विवाहेतर संबंध है, और वह उसके साथ ही सहवास यानी लिव-इन में रहते हैं, और पत्नी को त्याग दिया है।

(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी

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कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पर छात्रा से विवाहेतर संबंध रखने और पत्नी को प्रताड़ित कर घर से निकालने का आरोप

नैनीताल, 14 मई (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड के नैनीताल जनपद मुख्यालय में रहने वाली एक 59 वर्षीय महिला ने कुमाऊं विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत अपने पति पर वर्षों से मानसिक एवं शारीरिक उत्पीड़न करने, अपनी एक छात्रा से अवैध विवाहेतर संबंध रखने और वृद्ध सास की देखभाल की जिम्मेदारी अकेले उन पर डालकर त्यागने का आरोप लगाते हुए न्याय की मांग की है। उनकी शिकायत पर मल्लीताल कोतवाली पुलिस ने आरोपित प्रोफेसर के विरुद्ध अभियोग दर्ज कर लिया है।

पुलिस व संबंधितों से प्राप्त जानकारी के अनुसार महिला ने पुलिस को दी गई लिखित शिकायत में कहा है कि उनका परिवार 1997 से नैनीताल में रह रहा है। पीड़िता के अनुसार विवाह के बाद से ही उन्होंने पारिवारिक शांति हेतु कई बार समझौते किये और अपने उज्ज्वल शैक्षणिक भविष्य का त्याग कर गृहस्थ जीवन को प्राथमिकता दी, किंतु पीड़िता का आरोप है कि 10 जुलाई 2022 को पति ने उन्हें पारिवारिक आपातकाल का बहाना बनाकर लखनऊ भेज दिया, यह वादा कर कि वह बाद में नैनीताल ले आयेंगे, लेकिन वहां उनके साथ दुर्व्यवहार शुरू हुआ। फोन पर गालियां दी जाने लगीं और उन्हें तथा उनकी पुत्री को जीवन से बाहर कर देने की बातें की गईं। इसके बाद उन्होंने फोन और व्हाट्सएप आदि पर संपर्क पूरी तरह बंद कर दिया और हर माध्यम से उन्हें अवरुद्ध भी कर दिया।

पीड़िता ने कहा है कि वह अपने विवाह को बचाने के लिये 10 अगस्त 2023 को लगभग एक वर्ष के बाद नैनीताल लौटी तो यहां आकर पता चला कि पति का छात्रा से अवैध संबंध चल रहा है, और वह उसके साथ फील्ड विजिट और विदेश यात्राओं पर जा रहे हैं और छात्रा समय-समय पर उनके घर में भी रह चुकी है। पीड़िता ने जब इस बारे में पति से बात की और उन्होंने पीड़िता पर शारीरिक हमला किया, थूका और थप्पड़ व घूंसे मारे। वह हिंसा का प्रयोग कर प्रेमिका के साथ खुलकर रहने के लिये पत्नी को घर से निकलने के लिये मजबूर करने लगे। पति के अत्याचार व हिंसा से बचने के लिये पीड़िता पुनः लखनऊ चली गयी और 23 जून 2024 को वापस सुलह के लिये नैनीताल लौटी तो पति अपनी प्रेमिका छात्रा के साथ शयन कक्ष में मिले। इस पर पत्नी को 3 दिन बाद ही यहां से भागने को मजबूर होना पड़ा। इस बीच प्रेमिका के साथ दक्षिण कोरिया की विदेश यात्रा पर भी गए। इधर पुनः वह 19 नवंबर 2024 को नैनीताल लौटी तो आरोपित प्रोफेसर पत्नी से हर तरह से संपर्क तोड़कर व छोड़कर चले गये। पीड़िता ने अपनी शिकायत में पति द्वारा उन्हें अकेली वृद्ध सास की देखभाल हेतु छोड़ने और किसी प्रकार की आर्थिक अथवा मानसिक सहायता न देने की बात भी कही है।

उन्होंने इस गंभीर पारिवारिक उत्पीड़न और विवाहेतर संबंधों के चलते न्याय की गुहार लगाई है। इस संबंध में उन्होंने संबंधित विभागीय एवं प्रशासनिक अधिकारियों से भी उचित कार्यवाही की मांग की है। कोतवाल हेम चंद्र पंत ने बताया कि पीडिता की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 504 व 498-ए के तहत अभियोग दर्ज कर लिया है।

प्रोफेसर की शादी को हुए 36 वर्ष-35 वर्ष की है बेटी, 10-12 वर्षों से छात्रा से संबंध

नैनीताल। वह अपनी 87 वर्षीय सास के साथ कुमाऊं विश्वविद्यालय के स्लीपी हॉलो परिसर में निवास कर रही हैं और उन्हीं की देखभाल कर रही हैं। उन्होंने बताया कि उनका विवाह 18 जनवरी 1989 को आरोपित प्रोफेसर के साथ हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार हुआ था। इस विवाह से उनकी 35 वर्षीय पुत्री भी है। पीड़िता के अनुसार बीते 10-12 वर्षों से उनके पति का अपने ही विभाग की एक पूर्व छात्रा के साथ अवैध विवाहेतर संबंध है, और वह उसके साथ ही सहवास यानी लिव-इन में रहते हैं, और पत्नी को त्याग दिया है।

(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी

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