धमतरी, 20 नवंबर (Udaipur Kiran) । कलेक्टर नम्रता गांधी ने बुधवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में कहा है कि सामान्य से अधिक सिजेरियन प्रसव कराने वाले नर्सिंग अस्पतालों की जांच करें। वहीं जिले के ऐसे स्वास्थ्य केन्द्र जहां पर्याप्त स्टाफ होने के बावजूद प्रसव की संख्या कम है, उन्हें नोटिस देने के निर्देश सीएमएचओ को दिए हैं। नोटिस देने के बाद भी कार्य में प्रगति न हो तो संबंधित का अन्यत्र स्थानांतरण करें एवं जहां स्टाफ की कमी है, उसे पूरा करें।
कलेक्टर नम्रता गांधी ने बैठक में जिले में मातृ मृत्यु दर की जानकारी ली तथा इसमें कमी लाने के लिए भविष्य में सुधार लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रसव के बाद डिस्चार्ज मां का नियमित फालोअप और अस्पताल के द्वारा भी फोन से संपर्क कर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेते रहे। स्वास्थ्यगत किसी तरह की समस्या हो तो, तत्काल समुचित उपचार की सुविधा प्रदाय की जाए। मातृत्व स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत गर्भवती पंजीयन, छूटे हुए हितग्राहियों का लक्ष्य के अनुरूप पंजीयन, गर्भवती चार जांच, संभावित प्रसव को संस्थागत प्रसव के लिए हितग्राही तैयार करना इत्यादि की समीक्षा कलेक्टर ने की। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत डी-ग्रेड के बच्चों की सूची समावेशी शिक्षा विभाग को साझा करने, टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत निक्षय मित्र बनाने तथा विभाग के सभी अधिकारी, कर्मचारियों को सतत् निगरानी एवं सचेत रहने के निर्देश कलेक्टर ने दिए है। इस अवसर पर उन्होंने कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सक्रिय खोज से मरीजों की पहचान होने पर स्वास्थ्य अमले की प्रशंसा की।
आवारा कुत्तों की संख्या कम करने कहा
कलेक्टर ने रैबिज नियंत्रण कार्यक्रम के तहत आवारा कुत्तों की संख्या को नियंत्रण करने के लिए प्रस्ताव बनाकर प्रस्तुत करने कहा है। वहीं सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग के समन्वय से एनसीडी कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य कैम्प, छात्रावास अधीक्षक के साथ विद्यार्थियों के स्वास्थ्य संबंधित प्रशिक्षण देने व मुख स्वास्थ्य जांच के तहत डेंचर कैंप डुबान क्षेत्र में आयोजित करने के निर्देश कलेक्टर ने दिए। बैठक में सीएमएचओ डा यूएल कौशिक, जिला कार्यक्रम प्रबंधक डा प्रिया कंवर सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा