RAJASTHAN

एनईपी में अनुसंधान और नवाचार को प्राथमिकता : प्रो. प्रजापति

jodhpur

जोधपुर, 27 मार्च (Udaipur Kiran) । डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय में कुलपति प्रोफेसर (वैद्य) प्रदीप कुमार प्रजापति की प्रेरणा से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2020) पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। यह व्याख्यान स्नातकोत्तर शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (पीजीआईए) संगोष्ठी कक्ष में संपन्न हुआ।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति ने छात्रों को एनईपी-2020 के अंतर्गत शिक्षा सुधारों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एनईपी-2020 में बहु-विषयक शिक्षा, कौशल विकास, अनुसंधान और नवाचार को प्राथमिकता दी गई है, जिससे छात्रों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कृष्ण अवतार गोयल रहे। उन्होंने एनईपी-2020 शैक्षणिक ऋणों का भंडार- एबीएस, चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम – एफवाईयूपी, राष्ट्रीय ऋण संरचना-एनसीआरएफ आदि पर गहन चर्चा की और नई शिक्षा नीति के प्रभावों, चुनौतियों और अवसरों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर एनईपी चेयरमैन प्रोफेसर चंदन सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारतीय शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाने के लिए तैयार की गई है, जिससे छात्रों को बहुआयामी शिक्षा प्राप्त करने और अपनी क्षमताओं का संपूर्ण विकास करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने इस नीति को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए शिक्षकों और विद्यार्थियों को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ़ आयुर्वेद (पीजीआईए) के प्राचार्य प्रोफ़ेसर महेंद्र कुमार शर्मा, एनईपी कॉर्डिनेटर प्रोफ़ेसर हरीश सिंघल एवं एनईपी सदस्य प्रोफ़ेसर रितु कपूर का विशेष सहयोग रहा। इन सभी के संयुक्त प्रयासों से यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस महत्वपूर्ण अवसर पर आयुर्वेद, होम्योपैथी, योग और प्राकृतिक चिकित्सा के सभी संकाय सदस्य एवं स्नातक तथा स्नातकोत्तर छात्र उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / सतीश

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