Madhya Pradesh

पराली जलने से वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए बनाएं समेकित कार्य-योजना: प्रमुख सचिव डॉ. कोठारी

पराली जलाना (फाइल फोटो)

– वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिये हुई समेकित राज्य स्तरीय बैठक

भोपाल, 2 अप्रैल (Udaipur Kiran) । पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. नवनीत मोहन कोठारी की अध्यक्षता में बुधवार को पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिये भोपाल में समेकित राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय बैठक हुई। बैठक में किसान कल्याण तथा कृषि विकास, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, उद्योग, उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा, राजस्व, उद्यानिकी विभाग और मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी शामिल हुए।

बैठक में धान एवं गेहूँ की कटाई के बाद जलने वाली पराली से होने वाले वायु प्रदूषण एवं उनसे पड़ने वाले स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव की रोकथाम के लिये प्रभावी कार्रवाई करने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। प्रमुख सचिव डॉ. कोठारी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पराली जलाने की घटनाओं को रोकने तथा वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाये जा रहे हैं।

प्रमुख सचिव डॉ. कोठारी ने कहा कि कृषि विभाग द्वारा गेहूँ की फसल की कटाई में उपयोग होने वाली मशीनों में रिपर/बेलर लगाना अनिवार्य किया जाये। उन्होंने कहा कि पराली के वैकल्पिक उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिये प्रदेश में स्थापित ताप विद्युत गृहों के अधिकारियों के साथ बैठक कर कृषि अवशेषों का दहन करने की कार्रवाई की जाये। उन्होंने कहा कि विगत वर्षों में कितनी मात्रा में कृषि अवशेषों का निष्पादन किया गया है तथा इस वर्ष की कार्य-योजना बनायी जाये।

प्रमुख सचिव डॉ. कोठारी ने कहा कि सभी संबंधित विभाग व्यापक प्रचार-प्रसार के माध्यम से प्रदेश के किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में अवगत कराएं। उन्होंने पराली जलाने के स्थान पर उपलब्ध विकल्प और शासन द्वारा दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि की जानकारी प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, सोशल मीडिया और स्थानीय केबल नेटवर्क के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध कराये जाने के निर्देश भी दिये।

सदस्य सचिव मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बताया कि बोर्ड द्वारा एनएएसएएफआईआरएमएस पोर्टल पर सेटेलाइट से आग लगने की घटनाओं पर उपलब्ध जानकारी के माध्यम से प्रदेश के प्रमुख जिलों में आग लगने की घटनाओं की संख्या एवं उनके भौगोलिक निर्देशांक की जानकारी तैयार की गयी है। इसे प्रतिदिन समस्त जिलाधिकारियों एवं संबंधित अधिकारी को व्हाट्सअप के माध्यम से अवगत कराया जायेगा। उन्होंने बताया कि वायु गुणवत्ता और अन्य प्रदूषकों की सतत निगरानी के लिये 4 सुसज्जित मोबाइल मॉनीटरिंग वैन तथा जिन शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक एक्यूआई 100 और उससे अधिक है, वहाँ 39 नये सतत वायु एवं ध्वनि मापन केन्द्र स्थापित किये जाना प्रस्तावित है।

(Udaipur Kiran) तोमर

Most Popular

To Top