
काठमांडू, 26 मई (Udaipur Kiran) । काठमांडू में 29 मई को होने वाले राजतंत्र समर्थक प्रदर्शन को पूरी तरह से विफल बनाने के लिए प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है। गणतंत्र को बचाने के नाम पर प्रधानमंत्री के इस निर्देशन से 29 मई को काठमांडू में एक बार फिर से दोनों पक्षों में टकराव होने की संभावना बढ़ गई है।
नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी) के सचिवालय समिति की बैठक के बाद सोमवार को पार्टी के महासचिव शंकर पोखरेल ने बताया कि बैठक के दौरान पार्टी अध्यक्ष तथा प्रधानमंत्री ओली ने पार्टी से जुड़े सभी संगठनों के कार्यकर्ताओं को काठमांडू के सभी स्थानों पर कब्जा करने को कहा है। उन्होंने कहा कि 29 मई को एमाले के कार्यकर्ता सभी प्रमुख स्थानों पर मौजूद रहेंगे, ताकि राजा समर्थक दलों को प्रदर्शन के लिए स्थान ही नहीं मिले। प्रधानमंत्री की इस अपील के साथ ही काठमांडू में एक बार फिर से टकराव होने की संभावना बढ़ गई है।
दरअसल, पिछली बार 28 मार्च को राजा समर्थकों के प्रदर्शन के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसक घटनाएं हुई थी। सुरक्षा बलों को अब इस बात की चिंता है कि प्रधानमंत्री की अपील के बाद सुरक्षा थ्रेट और अधिक बढ़ गया है। ओली की इस अपील पर सभी विपक्षी दलों ने अपनी आपत्ति व्यक्त की है।
माओवादी के प्रवक्ता अग्नि सापकोटा ने कहा कि लोकतंत्र में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का अधिकार सभी को है, लेकिन प्रधानमंत्री ओली ने जिस तरह की अभिव्यक्ति दी है, उससे एक बार फिर से हिंसक झड़प होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी ने भी एक बयान में कहा है कि प्रशासन की तरफ से अभी तक उन्हें किसी भी स्थान पर प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी गई है। इसी बीच प्रधानमंत्री के काठमांडू में कब्जा करने जैसे बयान लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।
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(Udaipur Kiran) / पंकज दास
