-70 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों का हर साल 5 लाख रुपये तक का होगा फ्री इलाज
– एम्स ऋषिकेश के लिए हेलीकॉप्टर आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं का भी शुभारंभ
नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने धन्वंतरि जयंती और धनतेरस के दिन देश के सभी 70 साल से ऊपर के बुजुर्गों को दिवाली का तोहफा दिया है।मंगलवार को अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लगभग 12,850 करोड़ रुपये की लागत वाली विभिन्न स्वास्थ्य परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
इसके साथ ही आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 70 साल और इससे ज्यादा की उम्र वाले सभी लोगों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस की सुविधा शुरू कर दी गई है। योजना के तहत सालाना 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज के अलावा आसान और किफायती इलाज मिलेगा। 70 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों के लिए आयुष्मान भारत योजना शुरू करने को पिछले महीने ही कैबिनेट ने मंजूरी दी थी। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस योजना के लाभार्थियों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जनआरोग्य (एबी-पीएमजेएवाई) कार्ड भी सौंपा।
अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के चरण-दो का उद्घाटन
समारोह में प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए कई स्वास्थ्य संस्थानों का उद्घाटन और शिलान्यास किया, जिसमें पहले अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के चरण-दो का उद्घाटन शामिल है। इस चरण में, एक पंचकर्म अस्पताल, औषधि निर्माण के लिए एक आयुर्वेदिक फार्मेसी, एक खेल चिकित्सा इकाई, एक केंद्रीय पुस्तकालय, एक आईटी और स्टार्ट-अप इनक्यूबेशन सेंटर और 500 सीटों वाला ऑडिटोरियम शामिल है।
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मध्य प्रदेश के मंदसौर, नीमच और सिवनी में तीन मेडिकल कॉलेजों का भी उद्घाटन किया। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर, पश्चिम बंगाल के कल्याणी, बिहार के पटना, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, मध्य प्रदेश के भोपाल, असम के गुवाहाटी और नई दिल्ली विभिन्न एम्स में सुविधा और सेवा विस्तार का उद्घाटन भी किया, जिसमें एक जन औषधि केंद्र भी शामिल है।
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्य प्रदेश के शिवपुरी, रतलाम, खंडवा, राजगढ़ और मंदसौर में पांच नर्सिंग कॉलेजों, आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मणिपुर, तमिलनाडु और राजस्थान में 21 क्रिटिकल केयर ब्लॉकों और नई दिल्ली स्थित एम्स तथा हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में अनेक सुविधाओं और सेवा विस्तारों की आधारशिला भी रखी।
प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश के इंदौर में एक ईएसआईसी अस्पताल का उद्घाटन किया और हरियाणा के फरीदाबाद, कर्नाटक के बोम्मासंद्रा और नरसापुर, मध्य प्रदेश के इंदौर, उत्तर प्रदेश के मेरठ और आंध्र प्रदेश के अचुतापुरम में ईएसआईसी अस्पतालों की आधारशिला रखी। इन परियोजनाओं से करीब 55 लाख ईएसआई लाभार्थियों को स्वास्थ्य सेवा का लाभ मिलेगा।
प्रधानमंत्री विभिन्न क्षेत्रों में सेवा सुविधाएं बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग को विस्तार देने के प्रबल पक्षधर रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुलभ बनाने वाली ड्रोन प्रौद्योगिकी के अभिनव उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ने 11 तृतीयक स्वास्थ्य सेवा संस्थानों में ड्रोन सेवाओं का शुभारंभ किया। उत्तराखंड में एम्स ऋषिकेश, तेलंगाना में एम्स बीबीनगर, असम में एम्स गुवाहाटी, मध्य प्रदेश में एम्स भोपाल, राजस्थान में एम्स जोधपुर, बिहार में एम्स पटना, हिमाचल प्रदेश में एम्स बिलासपुर, उत्तर प्रदेश में एम्स रायबरेली, छत्तीसगढ़ में एम्स रायपुर, आंध्र प्रदेश में एम्स मंगलगिरी और मणिपुर में रिम्स इंफाल इसमें शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने एम्स ऋषिकेश से हेलीकॉप्टर आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं का भी शुभारंभ किया। इससे तेजी से चिकित्सा देखभाल प्रदान करने में मदद करेगी।
यू-विन पोर्टल की शुरुआत
देश की टीकाकरण अभिय़ान को तेज करने के मकसद से प्रधानमंत्री ने यू-विन पोर्टल का शुभारंभ किया। यह टीकाकरण प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल बनाकर गर्भवती महिलाओं और शिशुओं को लाभान्वित करेगा। यह गर्भवती महिलाओं और जन्म से 16 वर्ष तक के बच्चों को 12 वैक्सीन-निवारणीय बीमारियों के खिलाफ जीवन रक्षक टीकों का समय पर दिया जाना सुनिश्चित करेगा। इसके अलावा, प्रधानमंत्री संबद्ध और स्वास्थ्य पेशेवरों और संस्थानों के लिए एक पोर्टल भी लॉन्च किया। यह मौजूदा स्वास्थ्य पेशेवरों और संस्थानों के केंद्रीकृत डेटाबेस के रूप में कार्य करेगा।
प्रधानमंत्री ने ओडिशा में भुवनेश्वर के गोथापटना में एक केंद्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला का उद्घाटन किया। इसके साथ ओडिशा के खोरधा और छत्तीसगढ़ के रायपुर में योग और प्राकृतिक चिकित्सा के दो केंद्रीय अनुसंधान संस्थानों की आधारशिला रखी। चिकित्सा उपकरणों के लिए गुजरात के एनआईपीईआर अहमदाबाद, थोक दवाओं के लिए तेलंगाना के एनआईपीईआर हैदराबाद, फाइटोफार्मास्युटिकल्स के लिए असम के एनआईपीईआर गुवाहाटी और एंटी-बैक्टीरियल एंटी-वायरल दवा खोज और विकास के लिए पंजाब के एनआईपीईआर मोहाली में चार उत्कृष्टता केंद्रों की आधारशिला भी ऱखी।
चार आयुष उत्कृष्टता केंद्रों का भी शुभारंभ
प्रधानमंत्री ने चार आयुष उत्कृष्टता केंद्रों का भी शुभारंभ किया। इनमें भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु में मधुमेह और उपापचयी विकारों के लिए उत्कृष्टता केंद्र, आईआईटी दिल्ली में रस औषधियों के क्षेत्र में स्टार्ट-अप समर्थन तथा ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन के समाधान और उन्नत तकनीकी समाधान के लिए टिकाऊ आयुष उत्कृष्टता केंद्र, केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान, लखनऊ में आयुर्वेद में मौलिक और अनुवाद सम्बंधी अनुसंधान के लिए उत्कृष्टता केंद्र और जेएनयू, नई दिल्ली में आयुर्वेद और प्रणाली चिकित्सा पर उत्कृष्टता केंद्र शामिल है।
समारोह में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देने के लिए गुजरात के वापी, तेलंगाना के हैदराबाद, कर्नाटक के बेंगलुरु, आंध्र प्रदेश के काकीनाडा और हिमाचल प्रदेश के नालागढ़ में चिकित्सा उपकरणों और बल्क दवाओं के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत पांच परियोजनाओं का उद्घाटन किया। ये इकाइयां महत्वपूर्ण बड़ी मात्रा में दवाओं के साथ-साथ बॉडी इम्प्लांट और क्रिटिकल केयर उपकरण जैसे उच्च-स्तरीय चिकित्सा उपकरणों का निर्माण करेंगी।
‘देश का प्रकृति परीक्षण अभियान’ की शुरुआत
प्रधानमंत्री ने देशभर के लिए, “देश का प्रकृति परीक्षण अभियान” की शुरुआत की। इस अभियान उद्देश्य नागरिकों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। जलवायु परिवर्तन के अनुकूल स्वास्थ्य सेवाओं के विकास के लिए अनुकूलन रणनीति तैयार करने के लिए प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के लिए जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य पर राज्य-विशिष्ट कार्य योजना का भी शुभारंभ किया।
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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी