WORLD

भूमि संबंधी अध्यादेश पर प्रधानमंत्री ओली की मुश्किल बढ़ी, सरकार के समर्थक दल ने ही किया विरोध 

नेपाल की संसद और बदली हुई कार्यसूची

काठमांडू, 11 फरवरी (Udaipur Kiran) । नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार के एक अध्यादेश का सरकार के ही समर्थक एक दल ने विरोध करने का निर्णय लिया है, जिसके चलते इसका संसद से पारित होना मुश्किल दिख रहा है।

जनता समाजवादी पार्टी (जसपा) की संसदीय दल की बैठक के बाद अध्यक्ष उपेन्द्र यादव ने बताया कि सरकार के छह में से एक भूमि संबंधी अध्यादेश का संसद के किसी भी सदन में समर्थन नहीं करने का फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि पांच अन्य अध्यादेश को लेकर सदन में चर्चा के दौरान फैसला लिया जाएगा। उपेन्द्र यादव का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए अपने कुछ निकटवर्ती व्यापारी और पार्टी के नेताओं के व्यक्तिगत फायदे के लिए लाये गए भूमि संबंधी अध्यादेश का किसी भी हालत में समर्थन नहीं किया जा सकता है।

जसपा के इस फैसला के बाद यह अध्यादेश राष्ट्रीय सभा से पारित होना मुश्किल है। संसद के ऊपरी सदन में सरकार के पक्ष में सामान्य बहुमत भी नहीं है, जबकि प्रतिनिधि सभा में सरकार के पक्ष में दो तिहाई बहुमत है। नेपाल के संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक किसी भी अध्यादेश को 60 दिनों के भीतर संसद के दोनों सदनों से सामान्य बहुमत से पारित कराया जाना चाहिए। अगर अध्यादेश किसी भी एक सदन में पारित नहीं हो पाया तो यह खारिज हो जाएगा।

अब ओली सरकार को 60 सदस्यीय राष्ट्रीय सभा में बहुमत के लिए 31 सांसदों के समर्थन की आवश्यकता है, जबकि इस समय सरकार के पास 28 सांसद ही मौजूद हैं। इसी तरह विपक्षी गठबंधन के पास भी 29 सांसद हैं। जसपा के पास सिर्फ 3 सांसद हैं, जो इस समय बहुमत के लिए निर्णायक है।

—————

(Udaipur Kiran) / पंकज दास

Most Popular

To Top